नाविक का इस्तेमाल स्थलीय, हवाई और समुद्री परिवहन, लोकेशन-आधारित सेवाओं, निजी गतिशीलता, संसाधन निगरानी, सर्वेक्षण और भूगणित, वैज्ञानिक अनुसंधान, समय प्रसार और आपात स्थिति में किया जाएगा।
अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार सुबह भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) से नेविगेशन सैटेलाइट ‘नाविक’ एनवीएस-1 को प्रक्षेपित कर दिया। यह सैटेलाइट खासकर सशस्त्र बलों को मजबूत करने और नौवहन सेवाओं की निगरानी के लिए बनाया गया है। भारत के अपने पोजिशनिंग सिस्टम ‘नाविक’ से लैस होकर जवान और सशक्त व घातक होंगे।