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SDM से IAS बनीं प्रतिक्षा सिंह से खास बातचीत, बताया अपनी सफलता का राज

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शामली में तैनात SDM प्रतिक्षा सिंह IAS बनीं हैं। उन्होंने खास बातचीत में अपनी सफलता का राज बताया है।

अपनी असफलता से सीखने और सकारात्मक सोच रखने वालों को कामयाबी निश्चित तौर पर मिलती है। यह कहना है जिले में एसडीएम के पद पर तैनात और सिविल सेवा परीक्षा में 52वीं रैंक प्राप्त करने वाली प्रतीक्षा सिंह का है। अपनी सफलता से वह काफी खुश हैं। शुरुआत से ही उनका सपना आईएएस अधिकारी बनकर जनता की सेवा करने का था।प्रतिक्षा सिंह प्रयागराज की रहने वाली हैं। फिलहाल वह परिवार के साथ गाजियाबाद के साहिबाबाद में रहती हैं। उनके पिता प्रेम बहादुर सिंह शिक्षक हैं और माता नीलम सिंह गृहिणी हैं। भाई पीयूष सिंह गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।

तीसरे प्रयास में मिली सफलता
प्रतीक्षा सिंह ने बताया कि उन्होंने 2019 में एमए करने के साथ ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। 2020 में वह इंटरव्यू पास नहीं कर पाई। 2021 में प्रीलीम्स भी क्लीयर नहीं हुआ। इस बीच 2020 उन्होंने पीसीएस परीक्षा सातवीं रैंक के साथ उत्तीर्ण की। सिविल सेवा परीक्षा में तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली। परीक्षा में उनका मुख्य विषय भूगोल रहा।उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए विषय अपनी रूचि के अनुसार ही चुनें। सिलेबस का पहले ही पता कर लें। परीक्षा पूरी तैयारी के साथ दें। परिणाम आने पर यह पता चल जाता है कि कहां पर कमी रह गई। उससे सीखें और उत्साह के साथ फिर तैयारी करें। असफलता से निराश होने की जरूरत नहीं है। अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करते हुए तैयारी करते रहें। उन्होंने कहा कि नौकरी करते हुए परीक्षा की तैयारी करना आसान नहीं है। फिर भी उन्हें उच्चाधिकारियों का काफी सहयोग मिला। परीक्षा जब नजदीक आई तो उन्होंने 10-12 घंटे पढ़ाई की।

हार न मानने की जिद से मिली सफलता
जो लोग असफलता से घबराकर हार मान लेते हैं, वह कभी सफल नहीं हो पाते। असफलताओं से सीखकर आगे बढ़ने वाले मंजिल तक जरूर पहुंचते हैं। सदर तहसील में नायब तहसीलदार पद पर तैनात और सिविल सेवा परीक्षा में 348वीं रैंक हासिल करने वाले हिमांशु सामंत का यही कहना है।

देहरादून के रहने वाले हिमांशु सामंत ने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। 2021 में वह इंटरव्यू पास नहीं कर पाए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी में जुटे रहे। उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी की किताबों से नोट बनाकर उन्होंने तैयारी की। परीक्षा में मुख्य विषय भूगोल रहा। परिवार में माता-पिता व बहन हैं। बहन की शादी हो चुकी है। पिता जनक सिंह नगर निगम से कुछ समय पूर्व ही सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि माता विमला सामंत गृहिणी हैं।

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