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पांच वजहें…जो पीपीएफ में निवेश से करती हैं दूर, छोटे निवेशकों को लाभ पहुंचाने के लिए पेश की गई थी योजना

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वर्तमान में इसमें निवेश पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इसे वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र जैसी अन्य बचत योजनाओं के साथ पेश किया गया है। इसका मकसद छोटे निवेशकों को लाभ पहुंचाना है।

लंबी अवधि की बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस सरकारी योजना में लगाए गए पैसे सुरक्षित रहते हैं और रिटर्न की गारंटी रहती हैवर्तमान में इसमें निवेश पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इसे वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र जैसी अन्य बचत योजनाओं के साथ पेश किया गया है। इसका मकसद छोटे निवेशकों को लाभ पहुंचाना है। पीपीएफ में न्यूनतम 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। इन खूबियों के बावजूद पांच ऐसी वजह हैं, जो निवेशकों को पीपीएफ में निवेश से दूर करती हैं।

  • 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है पीपीएफ पर, जबकि ईपीएफ पर 8.15 फीसदी।

ईपीएफ से कम ब्याज
लोग कर बचाने के लिए पीपीएफ में निवेश करते हैं। लेकिन, इसमें कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के मुकाबले कम ब्याज मिलता है। ईपीएफ पर 8.15 फीसदी ब्याज है, जबकि पीपीएफ पर 7.1 फीसदी।

  • वेतनभोगी बेहतर रिटर्न व कर बचत के लिए वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ) में निवेश कर सकते हैं।

लंबी लॉक-इन अवधि… पीपीएफ खाते की लॉक-इन अवधि 15 साल है, जो काफी लंबा समय होता है।

  • लंबी अवधि में निवेश पर अधिक रिटर्न कमाने के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश कर सकते हैं।

अधिकतम निवेश सीमा कम… पीपीएफ में अधिकतम 1.50 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों से इसकी अधिकतम निवेश सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है।

  • वीपीएफ में बिना अतिरिक्त कर के वेतन से 2.50 लाख तक निवेश कर सकते हैं।

समय से पूर्व निकासी सख्त… पीपीएफ में खाता खोलने के वर्ष को छोड़कर पांच साल के बाद हर वित्त वर्ष में एक बार ही निकासी कर सकते हैं।

  • समय पूर्व निकासी पांच साल के बाद ही संभव है। इसमें भी कई शर्तें हैं और निकासी पर एक फीसदी ब्याज लगता है।

प्री-मेच्योर खाता बंद की कड़ी शर्तें
पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने की कड़ी शर्तें हैं। पति-पत्नी या आश्रित बच्चों को जानलेवा बीमारी होने पर ही खाताधारक पीपीएफ खाता बंद करा सकता है।

  • बच्चों को उच्च शिक्षा या रेसिडेंस स्टेटस बदलने पर भी खाता बंद करा सकते हैं।

देना पड़ सकता है एक फीसदी ब्याज
आप समय से पहले पीपीएफ खाता बंद करना चाहते हैं तो खाता खोलने की तारीख से एक फीसदी ब्याज देना पड़ सकता है। हालांकि, पीपीएफ उन लोगों के लिए निवेश और कर बचाने का सबसे बड़ा साधन है, जो वेतनभोगी नहीं हैं। -रत्नेश सिंह, निवेश एवं बीमा विशेषज्ञ

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