स्तन कैंसर, वैश्विक स्तर पर महिलाओं में होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है जिसके कारण हर साल लाखों मौतें हो जाती है। भारत में भी पिछले एक दशक में इसके तेजी से बढ़ते हुए मामले देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आनुवांशिक जोखिमों के साथ लाइफस्टाइल में होने वाली गड़बड़ी इस कैंसर के विकास का प्रमुख कारण है जिसको लेकर हर महिला को कम उम्र से ही सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। स्तन कैंसर, ग्रामीण और शहरी भारत दोनों क्षेत्रों में बढ़ रहा है।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि आप जीवनशैली को ठीक रखकर ब्रेस्ट कैंसर के जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकती हैं। कुछ शोध बताते हैं कि आहार में फाइबर युक्त चीजों की मात्रा को अगर बढ़ा दिया जाता है तो इसके खतरे को करीब 40 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
फाइबर वाले आहार से कम होता है जोखिम
शोधकर्ताओं ने पाया कि आहार में फाइबर वाली चीजों की अधिकता पुरुषों में प्रोस्टेट और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने वाली हो सकती है। साबुत अनाज, सब्जियों, फलों और बीन्स से इसकी आसानी से पूर्ति की जा सकती है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, जो महिलाएं इन खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार सेवन करती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा कम होता है।फाइबर युक्त आहार आपके स्वास्थ्य में कई अन्य तरीकों से भी मदद कर सकता है, जैसे मधुमेह और हृदय रोग के जोखिमों को कम करने में भी इसके लाभ देखे गए हैं।
अध्ययन में क्या पता चला?
युवावस्था के दौरान आहार में बहुत सारे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने से स्तन कैंसर के विकास के जोखिम में काफी कमी आ सकती है। 44,000 महिलाओं पर किए गए इस दीर्घकालिक अध्ययन में पाया गया कि हाई स्कूल तक की जिन छात्राओं ने आहार में फाइबर की मात्रा बेहतर रखी उनमें भविष्य में अन्य महिलाओं की तुलना में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम पाया गया।
स्तन कैंसर का आजीवन जोखिम हो सकता है कम
अध्ययन के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं के आहार में फाइबर (28 ग्राम प्रति दिन, औसतन) तक था, उनमें रजोनिवृत्ति से पहले स्तन कैंसर के विकास का जोखिम 24 प्रतिशत कम था। वहीं जिन महिलाओं का फाइबर इंटेक (14 ग्राम प्रति दिन, औसतन) था उनमें से 45 फीसदी में 50 की आयु तक इस कैंसर के लक्षण देखे गए।निष्कर्ष बताते हैं कि हाई फाइबर डाइट का पालन करके महिलाओं में स्तन कैंसर के आजीवन जोखिम में भी 16 प्रतिशत की कमी आ सकती है। यह एक उपाय इस बढ़ते कैंसर से बचाव के लिए काफी कारगर हो सकता है।
क्या कहते हैं अध्ययनकर्ता?
अध्ययन की प्रमुख लेखिक मरियम फरविद कहती हैं,, “हमारा अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि जीवनशैली के कारक स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ लाइफस्टाइल में सुधार करके जोखिमों को कम भी किया जा सकता है। फाइबर के सेवन को बढ़ाना ही पर्याप्त नहीं है, महिलाओं को धूम्रपान और अल्कोहल से भी दूरी बनानी होगी, इसके कारण भी जोखिम काफी बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।