यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने, उसकी सही जानकारी और लाभ छात्रों तक पहुंचाने के मकसद से जुलाई में ‘सारथी’ योजना शुरू होने जा रही है।
कैंपस में एनईपी हेल्प डेस्क बनेंगी
छात्र समूहों के साथ जुड़ने से लेकर संकाय सदस्यों, प्रशासकों और यूजीसी के बीच सार्थक संवाद स्थापित करना। कैंपस में एनईपी की योजनाओं पर संक्षिप्त नोट्स बनाना। कार्यक्रमों, वाद-विवाद, चर्चाओं, प्रतियोगिताओं, प्रश्नोत्तरी, नुक्कड़ के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाना। कॉलेज फेस्ट में एनईपी हेल्प डेस्क भी स्थापित किए जाएंगे। उच्च शिक्षा में विभिन्न सुधारों की जानकारी देने, छात्रों की भागीदारी बढ़ाने और जागरूकता पैदा करने के मकसद से इस योजना को शुरू किया जा रहा है। इसके माध्यम से यूजीसी का मकसद एक ऐसा वातावरण तैयार करना है, जहां छात्र सार्थक रूप से जुड़ सकें। एनईपी 2020 के प्रावधानों का प्रभावी उपयोग करने के लिए छात्रों को सक्रिय प्रतिभागियों के रूप में एक साथ ला सकें।
यूजी, पीजी और डिप्लोमा के छात्र हो सकते हैं शामिल
कॉलेजों को किसी भी कोर्स के स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा पढ़ाई करने वाले तीन छात्रों का नाम ‘सारथी’ के लिए नामांकित करना होगा। संक्षिप्त लेख और चयनित नामों की सूची यूजीसी को भेजनी होगी। नामांकन के आधार पर यूजीसी नामांकित व्यक्तियों के नाम की घोषणा करेगा। इन चयनित छात्रों को हाइब्रिड मोड में यूजीसी द्वारा प्रभावी ढंग से अपनी भूमिका निभाने के लिए उन्मुख और निर्देशित किया जाएगा।
यूजीसी को फीडबैक भी देंगे
कैंपस में छात्रों के बीच एनईपी 2020 की पहल के बारे में जागरूकता पैदा करना और उसे बढ़ावा देना। इसके अलावा लागू करने में सहयोग देगा। छात्रों पर एनईपी 2020 की पहल के प्रभाव को समझने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए यूजीसी के लिए एक फीडबैक तंत्र स्थापित करने में सहयोग देना है। यूजीसी द्वारा ‘सारथी’ के रूप में मान्यता और प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।