एक क्रोनिक स्वास्थ्य समस्या है जो वैसे तो आंतों में होती है पर इससे पूरे शरीर पर असर हो सकता है। इसमें लाइफस्टाइल को ठीक रखना बहुत आवश्यक हो जाता है। जिन लोगों को आईबीडी की दिक्कत होती है उन्हें आजीवन प्रबंधन करते रहने की आवश्यकता हो सकती है।
वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे इन्फ्लामेटरी बाउल डिजीज के मामले को लेकर लोगों को जागरूक करने और बचाव के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल
19 मई को वर्ल्ड इन्फ्लामेटरी बाउल डिजीज डे मनाया जाता है। डॉक्टर कहते हैं, आंतों को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ और पौष्टिक आहार का चयन करें।
आइए जानते हैं कि इसके लिए किन उपायों का पालन करते रहना आवश्यक माना जाता है?
आईबीडी और आहार का संबंध
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि इन्फ्लामेटरी बाउल डिजीज की समस्या के लिए आहार में पौष्टिकता की कमी या फिर आंतों को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों का अधिक सेवन करना एक कारण हो सकता है। प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, पानी, विटामिन और खनिजों से भरपूर आहार का सेवन आपको जटिलताओं से बचाने में मददगार हो सकता है।
जिन मरीजों में आईबीडी (क्रोहन डिजीज या अल्सरेटिव कोलाइटिस) का निदान होता है उन्हें संतुलित आहार के बारे में किसी डायटीशियन की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
आईबीडी की समस्या में कैसा रखें आहार
यदि आपको इन्फ्लामेटरी बाउल डिजीज की दिक्कत है तो दिनचर्या में आहार पर विशेष ध्यान दें।
- दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
- उच्च फाइबर वाले फल-सब्जियां और साबुत अनाज (जई चोकर, जौ) का सेवन करें।
- लीन मीट, मछली, अंडे, नट्स, पोल्ट्री और सोया जैसे प्रोटीन को आहार का हिस्सा बनाएं।
- स्वस्थ फैट जैसे ओमेगा -3 फैटी एसिड, ऑलिव ऑयल और कनोला तेल का सेवन करें।
- डॉक्टर द्वारा सुझाए गए विटामिन और खनिजों के सप्लीमेंट्स का सेवन करें।
- कम वसा वाले डेयरी उत्पाद का सेवन करें।
आईबीडी की समस्या में क्या न खाएं?
इन्फ्लामेटरी बाउल डिजीज में क्या खाएं से ज्यादा यह जानना आवश्यक है कि क्या न खाएं? कुछ चीजें समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं, इनसे बचाव करते रहना आवश्यक है।
- उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ।
- कैफीन और शराब।
- चटपटा खाना, मैदा वाली चीजें न खाएं।
- कच्चे फल और सब्जियां
धूम्रपान और शराब से बिल्कुल दूरी
डॉक्टर कहते हैं, इन्फ्लामेटरी बाउल डिजीज से बचाव करने या फिर अगर आप रोगी हैं तो लक्षणों को ट्रिगर होने से बचाने के लिए धूम्रपान और शराब से बिल्कुल दूरी बना लें। धूम्रपान, आंतों में सूजन का कारण बनता है। कुछ शोध बताते हैं कि निकोटीन, गट माइक्रोबायोम के साथ रिएक्ट कर सकता है, जिसके कारण आईबीडी का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं शराब आपके आंतों में रक्तस्राव का कारण बन सकती है। इसके अलावा शराब के कारण आंतों के अस्तर में जलन और सूजन भी हो सकता है, इन दोनों से बिल्कुल दूरी बनाकर रखें।
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