वह यूपी के एक सांसद के प्रतिनिधि के सीधे संपर्क में था। गुजरात में उसकी उससे मुलाकात हुई थी। उसके जरिये संजय शेरपुरिया ने अपनी राजनीतिक पैठ बनानी शुरू की।
नटवरलाल संजय शेरपुरिया को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। वह यूपी के एक सांसद के प्रतिनिधि के सीधे संपर्क में था। गुजरात में उसकी उससे मुलाकात हुई थी। उसके जरिये संजय शेरपुरिया ने अपनी राजनीतिक पैठ बनानी शुरू की। धीरे-धीरे वह शीर्ष नेताओं तक पहुंच गया। जब वह पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया था तब इस बारे में उसने जानकारी देते ही प्रतिनिधि से रिश्ते कबूले थे। ये शख्स जिस सांसद का प्रतिनिधि है वह बहुत पॉवरफुल हएसटीएफ की नोएडा यूनिट ने संजय शेरपुरिया को 25 अप्रैल को कानपुर सेंट्रल स्टेशन से पकड़ा था। विभूतिखंड थाने में एफआईआर दर्ज कर दूसरे दिन उसे कोर्ट में पेश किया था। जहां से वह जेल भेजा गया था। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी, ठगी समेत अन्य कई गंभीर आरोप हैं। पुलिस ने छह दिन की रिमांड लेकर उससे पूछताछ की थी। दोबारा जेल भेज दिया गया था। अब केस की विवेचना एसटीएफ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में ये बड़ा तथ्य सामने आया कि संजय के बेहद करीबी एक शख्स सांसद का प्रतिनिधि है। राजनीतिक स्तर पर संजय को स्थापित करने में उसकी बड़ी भूमिका रही है।
चुनाव की थी तैयारी, प्रतिनिधि कर रहे थे मदद
संजय ने पूछताछ में बताया था कि वह गाजीपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। उद्योगपति गौरव डालमिया से छह करोड़ लेने के मामले में संजय का दावा है कि वह इससे गो सेवा के लिए एनजीओ को दिए थे। गो संरक्षण के लिए वह इस राशि से काम करता है। हालांकि आरोप ये है कि गौरव का वित्तीय अनियमिता संबंधी केस को रफादफा कराने के लिए डील की थी। जिसके एवज में उसो रकम दी गई थी।
फोरेंसिक जांच को भेजे गए मोबाइल
संजय शेरपुरिया के पास से दो मोबाइल बरामद हुए थे। शुरुआती जांच में व्हाट्सएप चैट से कई जानकारियां सामने आई थीं। तमाम चैट डिलीट भी की गई थीं। इसलिए दोनों मोबाइल फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। इससे कई अहम साक्ष्य जांच एजेंसी को मिल सकते हैं।