श्रिया सरन को फिल्म इंडस्ट्री में दो दशक से अधिक हो गए हैं। अपने इतने लंबे करियर में उन्होंने विभिन्न भाषाओं की फिल्मों में कई अहम रोल अदा किए हैं और यह सिलसिला जारी है। श्रिया इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘म्यूजिक स्कूल’ को लेकर चर्चा में हैं। यह फिल्म 12 मई को हिंदी, तमिल और तेलुगु भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। श्रिया का मानना है कि अब सिनेमा में अभिनेत्रियों के लिए भी काफी चीजें बदल गई हैं। 35 पार के बाद भी एक्ट्रेस को अच्छे और लीड रोल मिल रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने फिल्मों की थिएटर रिलीज पर भी बात की।
हाल ही में एक बाचतीत के दौरान श्रिया ने कहा कि फिल्मों का थिएटर में रिलीज होना जरूरी है। छोटी फिल्मों के भी थिएटर में रिलीज होने के बारे में बात करते हुए श्रिया ने कहा, ‘एक वक्त था जब कहा जाता था कि बड़ी फिल्में ही थिएटर में बेहतर करेंगी। लेकिन, ‘दृश्यम 2′ के बाद मुझे लगता है कि थिएटर में आप जो अनुभव करते हैं वह मायने रखता है। आप उन लोगों के साथ फिल्में देखते हैं, जिन्हें आप जानते तक नहीं। फिर भी आप साथ में ताली बजाते हैं, हंसते हैं और उस वक्त एक परिवार बन जाते हैं। ऐसा थिएटर में फिल्म देखने के कारण होता है।’
एक्ट्रेस का कहना है कि किसी फिल्म का जॉनर और स्केल से यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि यह सफल होगी। उन्होंने कहा, ‘अगर स्टोरी अच्छी है और अच्छी फिल्म है तो यह बेहतर प्रदर्शन करेगी। पिछले कुछ महीनों में यह साबित हुआ है।’
श्रिया सरन इस वक्त उम्र के जिस पड़ाव पर हैं, इंडस्ट्री में उस पड़ाव पर एक्ट्रेस को लीड रोल मुश्किल ही नसीब होते हैं। मगर, श्रिया लगातार मजबूत रोल अदा करती दिख रही हैं। श्रिया इसका श्रेय महिलाओं के लिए लिखी जा रहीं अच्छी भूमिकाओं को देती हैं। उनका कहना है, ‘ऐसा दर्शकों और राइटर्स की वजह से संभव हो रहा है। तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा में राइटर्स स्टार्स भी हैं। अब आपको कहानी बताए जाने से पहले यह भी बताया जाता है कि यह किसने लिखी है।’
श्रिया का कहना है कि ‘राइटिंग में बदलाव का असर पर्दे पर किरदारों के बदलाव में भी दिखता है। ‘हीरोइन’ की अवधारणा भी बदली है। सिनेमा सिर्फ एक लड़की का एक लड़के के प्यार में पड़ना नहीं है। इसके बाद में क्या होता है, यह भी मायने रखता है। अच्छी बात यह है कि अब हर उम्र की महिलाओं के लिए कहानियां लिखी जा रही हैं।’