शास्त्रों में कहा गया है कि काला तिल भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है क्योंकि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई है,यही कारण है कि इसे देव अन्न भी माना गया है। मान्यता है कि कोई भी पूजा-अनुष्ठान काले तिल के प्रयोग के बिना पूर्ण नहीं होती।सिर्फ इतना ही नहीं ज्योतिष के अनुसार काले तिल से जुड़े कुछ उपाय जीवन में आर्थिक परेशानियों और ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति दिला सकते हैं।
शनिदोष से मुक्ति के लिए
शनि दोष से मुक्ति के लिए व्यक्ति को शनिवार के दिन जल में कच्चा दूध,चीनी और काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने के बाद वृक्ष की तीन बार परिक्रमा अवश्य करें। शनिवार के दिन खिचड़ी में कुछ तिल मिलाकर सेवन करने से भी कई प्रकार के दुःख दूर हो जाते हैं। शनि दोष से मुक्ति के लिए मंगलवार के दिन तिल के तेल से दीपक जलाएं।मान्यता है कि इस उपाय द्वारा घर में सुख-समृद्धि आती है और आपसी संबंध मधुर होते हैं
आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए
बहुत मेहनत करने के बाद भी यदि आप पैसों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। धन के मामलों में हर तरफ से निराशा ही हाथ लग रही है तो हर शनिवार को काले कपड़े में काले तिल और काली उड़द बांधकर किसी गरीब को दान दे दें । ऐसा करने से धीरे-धीरे पैसों की बचत कर पाएंगे साथ ही मंद पड़ा व्यापार भी उठेगा।
रोगों से मुक्ति के लिए
प्रतिदिन तांबे के लोटे में शुद्ध जल लेकर उसमें काले तिल डाल दें। उसके बाद इस जल से शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। जल अर्पित करते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलेगी, परिवार में सुख-शांति मिलेगी एवं आर्थिक लाभ भी होगा।
पितृ दोष निवारण में
मान्यता है कि कभी-कभी पितृ दोष के कारण भी जीवन में समस्याएं बनी रहती हैं। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प, पितृ दोष एवं शनि की दशा है, उन्हें शनिवार के दिन सरसों के तेल में काले तिल डालकर अपनी छाया देखनी चाहिए। अब इस तेल को किसी मंदिर में व पीपल के पेड़ के नीचे रख देना चाहिए।
सूर्य के शुभ प्रभाव के लिए
यदि आपकी कुंडली में सूर्य मजबूत हो तो जीवन में सुख एवं समृद्धि बनी रहती है। ऐसे जातक जो सूर्य के अशुभ प्रभाव से पीड़ित है उन्हें सूर्योदय से पहले स्नान के बाद तिलांजलि करना चाहिए,इससे सूर्य ग्रह मजबूत होता है।