भारत सरकार ने जून तक कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल से आयात शुल्क हटाने का फैसला लिया है। सरकार ने आयात शुल्क में देने वाली छूट को लेकर स्पष्ट किया है कि 31 मार्च से पहले भेजे जाने वाले सोया तेल और सूरजमुखी तेल के आयात को मुफ्त रखा जाएगा क्योंकि आयात नियमों को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई थी, जिससे सैकड़ों हजारों कार्गो बंदरगाहों पर फंस गए थे।
गौरतलब है, इस साल की शुरुआत में वनस्पति तेलों के दुनिया के सबसे बड़े आयातक ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए 2 मिलियन टन कच्चे सूरजमुखी तेल और सोया तेल के आयात शुल्क में देने वाली छूट को समाप्त कर दिया था। डीलरों का कहना था कि इस कदम से भारतीय बंदरगाहों पर करीब 90 हजार टन माल से लदे कार्गो फंस गए थे, जिन्हें 31 मार्च से पहले लोड किया गया था। वनस्पति तेल ब्रोकरेज और कंसल्टेंसी फर्म सनविन ग्रुप के सीईओ संदीप बाजोरिया ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से कुछ कार्गो बंदरगाहों पर अटके हुए थे। अब सरकार के नए आदेश के बाद ये देश में प्रवेश कर सकते हैं। बता दें, भारत मुख्य रूप से अर्जेंटीना, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका से सोया तेल और रूस व यूक्रेन से सूरजमुखी का आयात करता है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने का कहना है कि सरकारी अधिसूचना से आयातकों को राहत मिलेगी। वहींं आयात स्थानीय तिलहन की कीमतों को कम करेगा। साथ ही किसानों की आय में भी कमी आएगी। उन्होंने आगे कहा कि मई में भारत का पाम तेल आयात भी गिर सकता है क्योंकि सोया और सूरजमुखी तेल की उपलब्धता में वृद्धि होगी। पांच डीलरों ने पिछले सप्ताह बताया था कि अप्रैल में पाम तेल का आयात एक महीने पहले से 3 फीसदी गिरकर 14 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है।