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मिर्जापुर में लंपी की दस्तक से बनारस में हाई अलर्ट, टीके की 10 हजार डोज पहुंची

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पिछले साल नवंबर में वाराणसी जिले में लंपी की बीमारी से सैकड़ों पशु ग्रसित हो गए थे। इनके बचाव के लिए पिछले साल दो लाख 45 हजार 500 गोवंशों को टीका लगाया गया था। मिर्जापुर में पशुओं में इस वायरस के लक्षण दिखने के बाद फिर से चौकसी बढ़ाई गई है।

पशुओं के लिए खतरनाक लंपी वायरस ने एक बार फिर पूर्वांचल में दस्तक दे दी है। मिर्जापुर के कई क्षेत्र में पशुओं में लंपी वायरस के लक्षण दिख रहे हैं। ऐेसे में वाराणसी में भी पशु पालकों को अलर्ट किया गया है। पशुओं की सुरक्षा के लिए टीके की 10 हजार डोज भी वाराणसी में मंगा ली गई है।पिछले साल नवंबर में जिले में लंपी की बीमारी से सैकड़ों पशु ग्रसित हो गए थे। इनके बचाव के लिए पिछले साल दो लाख 45 हजार 500 गोवंशों को टीका लगाया गया था। मिर्जापुर में पशुओं में इस वायरस के लक्षण दिखने के बाद फिर से चौकसी बढ़ाई गई है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अशोक तिवारी ने बताया कि लंपी वायरस से पशुओं की सुरक्षा के लिए टीके की 10 हजार डोज प्राप्त हुई है। जिसे प्राथमिकता पर पर गो आश्रयों में पशुओं को लगाया जाएगा।

रोग के लक्षण

गायों के शरीर में गोल-गोल लंप निकल आते हैं। जिसको छोटी माता या पाक्स वायरस भी कहते हैं। इस रोग से ग्रसित पशु चारा-दाना छोड़ देते हैं। पैर में घाव हो जाता है। दो तीन दिन के अंदर पशु मर जाता है।

लंपी से बचाव

जिस जगह लंपी वायरस फैला है वहां से पशु दूसरे जिले में न जाए। जिस पशु को लंपी वायरस हो जाए। उसे पशुपालक अन्य पशुओं से दूर रखे। नीम की पत्ती से घाव को सहलाएं तथा नीम की पत्ती पशुओं को खिलाएं। चिकित्सक की सलाह पर एलएसडी नामक दवा लेकर तत्काल देना शुरू करें।

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