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16 दिन और अतीक से जुड़े 31 ट्वीट, ‘हिसाब होने की धमकी’… क्या है जम्मू कनेक्शन

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हिसाब होने की धमकी वाले ट्विटर हैंडल की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ। 16 दिन में अतीक से जुड़े 31 ट्वीट किए गए हैं। इस अकाउंट से अतीक की हत्या के बाद लगातार उससे जुड़े वीडियो, तस्वीरें पोस्ट की गईं। 15 अप्रैल को घटना के बाद से एक मई यानी 16 दिनों में ऐसे कुल 31 ट्वीट किए गए। ट्विटर हैंडल ‘द सज्जाद मुगल’ के नाम से एफआईआर भी दर्ज की गई है।

अतीक अहमद की हत्या के बाद हिसाब करने की बात जिस ट्विटर हैंडल से की गई, उसकी पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि इस ट्विटर हैंडल से 15 अप्रैल से यानी अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद 16 दिनों में अतीक से जुड़े 31 ट्वीट किए गए। इनमें पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाने वाले वीडियो से लेकर अतीक-शाइस्ता की तस्वीरें भी पोस्ट की गईं।

यह सभी ट्वीट जम्मू के पुंछ से किए गए। ऐसे में अब साइबर थाना पुलिस इस कनेक्शन का राज ढूंढ़ने में लगी है। एक दिन पहले यह मामला सामने आया था। जिसमें संबंधित ट्विटर हैंडल ‘द सज्जाद मुगल’ के नाम से एफआईआर भी दर्ज की गई है। यह एफआईआर 25 अप्रैल को किए गए ट्वीट से संबंधित है, जिसमें अतीक के बेटे अली के वीडियो के साथ हिसाब होने जैसी आपत्तिजनक व भड़काऊ बातें भी पोस्ट की गई हैं।
अब इस ट्विटर हैंडल की पड़ताल में कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं जो बेहद चौंकाने वाली हैं। एक खास बात यह है कि इस अकाउंट से अतीक की हत्या के बाद लगातार उससे जुड़े वीडियो, तस्वीरें पोस्ट की गईं। 15 अप्रैल को घटना के बाद से एक मई यानी 16 दिनों में ऐसे कुल 31 ट्वीट किए गए।
इनमें अतीक की हत्या से संबंधित वीडियो के साथ ही पत्नी शाइस्ता व बेटे उमर के साथ उसकी पुरानी तस्वीर भी पोस्ट की गई है। इसके अलावा अतीक-अशरफ हत्याकांड के तीनों शूटरों सनी, लवलेश और अरुण मौर्य की तस्वीर भी ट्वीट की गई है।
इस ट्वीट में तीनों को पेशी पर लाए जाने के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठाया गया है। इस खुलासे के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिर अतीक का यह जम्मू कनेक्शन क्या है। फिलहाल साइबर थाना पुलिस जांच पड़ताल में लगी है।

विशेष डीजी के आदेश पर हुआ है केस
प्रकरण में प्रयागराज साइबर थाने में विशेष डीजी कानून व्यवस्था के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। साइबर थाने में तैनात इंस्पेक्टर मो. आलमगीर की तहरीर पर ट्विटर हैंडल के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
समुदायों के बीच घृणा, शत्रुता फैलाने का आरोप

इस मामले में आईपीसी की धारा 505(b) और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। धारा 505 (b) विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति आदि परिचालित करने के अपराध को परिभाषित करती है

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