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पहलवानों को मिला किसानों का साथ, बृजभूषण की गिरफ्तारी को दिया 15 दिन का समय

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सोमवार से रोजाना खापों के सदस्य पहलवानों के धरने में शामिल होंगे। धरने में शामिल होने वाले खाप सदस्यों की संख्या 15 या उससे अधिक हो सकती है।

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर धरना दे रहे पहलवानों के आंदोलन में किसान, खाप और पंचायतें खुलकर कूद पड़ी हैं। किसान संगठनों और खापों ने रविवार को पहलवानों के धरने का हिस्सा बनते हुए दिल्ली पुलिस को बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए 15 दिन का समय दिया है। किसान आंदोलन के मुख्य चेहरों में से एक किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर 21 मई तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई तो इसके बाद सभी मिलकर बड़ा फैसला लेंगे। टिकैत ने यहां तक कह दिया कि ये लड़ाई लंबी चलेगी और वे इस आंदोलन को मिलकर पूरे देश में चलाएंगे। उन्होंने 11 से 18 मई तक सभी जिला मुख्यालयों पर पहलवानों के समर्थन में आंदोलन छेड़ने की घोषणा भी कर दी। वहीं विनेश ने भी घोषणा की कि वह लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।
रोजाना धरने पर बैठेंगे किसान और खाप सदस्य
महम चौबसी सर्व खाप के मेहर सिंह, संयुक्त किसान मोर्चा नेता बलदेव सिंह सिरसा, राकेश टिकैत ने महिला पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट के साथ धरने के 15वें दिन मिलकर घोषणा की कि सोमवार से रोजाना खापों के सदस्य पहलवानों के धरने में शामिल होंगे। धरने में शामिल होने वाले खाप सदस्यों की संख्या 15 या उससे अधिक हो सकती है। उन्होंने कहा कि पहलवान चाहेंगे तो धरने पर बैठने वाले लोग रात में भी रुक सकते हैं, वरना वे रात में यहां से चले जाएंगे। टिकैत ने कहा कि हमारी परीक्षा न ली जाए। वह 13 महीने पहले किसान आंदोलन के रूप में पहले भी परीक्षा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपनी मांगों के बारे में सरकार को लिखित में कुछ नहीं दिया है। उनकी एजेंसी के जरिए उन तक उनकी मांगें पहुंच जाएंगी।

संघर्ष पहलवानों का रहेगा और हमारा समर्थन
टिकैत ने स्पष्ट किया कि धरना और संघर्ष पहलवानों का ही रहेगा, लेकिन किसान और खाप इसका समर्थन करेंगी। उन्होंने कहा कि हम सभी की एक ही मांग है भाजपा सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की जाएगी और अदालत के जरिए उन्हें सजा दिलाई जाए। टिकैत ने कहा कि इन पहलवानों ने दुनिया भर में तिरंगे का मान बढ़ाया है, लेकिन वे अब तिरंगे की बदनामी सहन नहीं करेंगे

यह गैरराजनीतिक आंदोलन 
टिकैत ने कहा कि यह पूरी तरह से गैरराजनीतिक आंदोलन है। इस धरने को भाजपा के लोग भी निजी तौर पर समर्थन दे रहे हैं। हम इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते हैं। यह धरना जंतर मंतर पर यहीं चलेगा। बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि सोमवार को जंतर मंतर पर देश भर से तकरीबन पांच हजार लोग धरना स्थल पर पहलवानों के समर्थन में पहुंचेंगे।

पहलवानों के धरने पर नहीं किया कब्जा
टिकैत से जब यह पूछा गया कि उन्होंने पहलवानों के धरने को अलग रंग देते हुए कब्जा कर लिया है तो उन्होंने कहा ऐसा नहीं है। वह महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ खड़े हैं। वहीं विनेश ने किसानों, खापों और पंचायतों का समर्थन करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि उनका धरना गैरराजनीतिक है और इस पर किसी ने भी कब्जा नहीं किया है। वह लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा प्राथमिकी जरूर दर्ज हो गई है, लेकिन अभी भी सीआरपीसी 164 के तहत बयान दर्ज नहीं हुए हैं। हमारी मांग अभी भी वही है कि बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए।

पहलवानों ने लिया तैयारी का फैसला
विनेश ने कहा कि लड़ाई लंबी जरूर चलेगी, लेकिन पहलवानों ने मिलकर फैसला लिया है कि वे पहलवानी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने फैसला लिया है कि वे तैयारियों को जारी रखेंगे। तैयारियां किस तरह से की जाएंगी। इसकी भी योजना बनाई जा रही है। दरअसल पहलवानों की योजना धरनस्थल पर कुश्ती मैट मंगवाकर तैयारी करनी की है। एक से दो माह में एशियाई खेलों के लिए कुश्ती के टीम के चयन को ट्रायल होना है। बिना तैयारियों के ट्रायल नहीं दिया जा सकता है, लेकिन जंतर-मंतर पर मैट लाना आसान काम नहीं है। फोल्डिंग लाए जाने पर विवाद हुआ था और पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी। ऐसे में पहलवानों की कोशिश ये रहेगी कि वे किसी आस-पास की जगह पर मैट बिछवाकर तैयारियों को अंजाम देने की कोशिश करेंगे।

घोषणा से पहले समिति की चली लंबी बैठक
इससे पहले रविवार की सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान संगठनों, पंचायतों और खापों के सदस्य जंतर-मंतर पर एकत्र हो गए। इनकी संख्या दो से ढाई हजार के आसपास रही होगी। पहलवानों की ओर से गठित की गई 31 सदस्यीय समिति ने धरने की रूपरेखा तैयार करने के लिए जनता दल यूनाइटेड दफ्तर के प्रांगण में लंबी बैठक की, जिसमें फैसला हुआ कि 15 खाप सदस्य रोजाना धरने में शामिल होंगे। रविवार को जंतर-मंतर पूरा छावनी में बदला हुआ था। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) बड़ी संख्या सशस्त्र तैनात थी।

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