माफिया अतीक-अशरफ हत्याकांड में पुलिस की कहानी में झोल सामने आने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि हत्याकांड वाले दिन पुलिस की दो गाड़ियों के अलावा तीसरी गाड़ी भी मौके पर मौजूद थी?
माफिया अतीक-अशरफ हत्याकांड में पुलिस की कहानी में झोल सामने आने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि हत्याकांड वाले दिन पुलिस की दो गाड़ियों के अलावा तीसरी गाड़ी भी मौके पर मौजूद थी? इससे भी अहम सवाल यह है कि अगर तीसरी गाड़ी मौजूद थी तो धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य की ओर से इसका जिक्र अपने बयान में क्यों नहीं किया गया?दरअसल पुलिस ने दस्तावेजों में दर्ज किया है कि माफिया भाइयों को कॉल्विन अस्पताल ले जाते वक्त दो गाड़ियों का इस्तेमाल हुआ। इस दौरान 21 पुलिसकर्मियों के साथ दो गाड़ियों में अतीक-अशरफ मौजूद थे। इसे लेकर ही पुलिस की कहानी पर सवाल उठे कि आखिर दो गाड़ियों में 23 लोग कैसे आए। जानकारों का कहना है कि दो गाड़ियों में जिनमें से एक पुलिस जीप और एक बोलेरो थी, 23 लोगों के बैठने का दावा कहीं से भी सही नहीं है।मय असलहा व दो मुल्जिम, 21 पुलिसकर्मियों के दो वाहनों में सवार होने का सवाल ही नहीं उठता। इस बात की संभावना है कि मौके पर कोई तीसरा वाहन भी मौजूद रहा हो। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर ऐसा था तो आखिर इस बात को क्यों छिपाया गया? धूमनगंज इंस्पेक्टर ने इसका जिक्र बयान में क्यों नहीं किया।