हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री जीनत अमान सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी यादों का पिटारा खोलकर अक्सर पुरानी बातों से फैंस को रूबरू कराती हैं। पिछली बार उन्होंने देव आनंद के साथ अपनी पहली फिल्म और अपने स्टार बनने का किस्सा साझा किया था, जिसमें उन्होंने अपनी कहानी को रोकते हुए कहा था कि देव साहब के साथ अनुभवों का बाकी किस्सा वह अपनी अगली पोस्ट में साझा करेंगी। चलिए जानते हैं जीनत के यादों के पिटारे से निकले एक और किस्से के बारे में….
इस बार जीनत अमान ने अपने और राज कपूर के रिश्ते के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि देव आनंद को गलतफहमी हुई थी। दरअसल देव आनंद ने साल 2007 में अपनी ऑटो बायोग्राफी लिखी थी, जिसमें उन्होंने राज कपूर और जीनत के रिश्ते के बारे में लिखा था, जिससे अभिनेत्री को बहुत ठेस पहुंची थी। अब उन्होंने इस बारे में खुलासा किया है।
जीनत अमान ने देव आनंद के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘जब भी मैं अपने बॉलीवुड करियर की तरफ देखती हूं तो समझती हूं कि वह दिलीप कुमार, राज कपूर और देव आनंद का गोल्डन दौर था। इन्हीं स्टार्स ने हिंदी सिनेमा को राह दिखाई। देव साहब ने मुझे पहले ही लॉन्च कर दिया था। अब मैं अपने करियर में आगे बढ़ने लगी थी। कुछ साल बाद मैं उनके बिना कुछ फिल्मों में नजर आई।’
राज कपूर के साथ अपने रिश्ते के बारे में बताते हुए अभिनेत्री ने लिखा ,’साल 1973 में आई राज कपूर की फिल्म ‘बॉबी’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई। मैं डॉक्टर साहब को पहले से जानती थी और उनके साथ ‘गोपीचंद जासूस’ और ‘वकील बाबू’ जैसी फिल्मों का हिस्सा रह चुकी थी। मैं उनके साथ काम करना चाहती थी और आरके बैनर का हिस्सा बनना चाहती थी। मुझे राज साहब की ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ फिल्म कैसे मिली, इस बारे में सभी जानते हैं। मैं इस फिल्म के लिए पूरी मेहनत करना चाहती थी और जी जान एक कर देना चाहती थी, लेकिन मुझे इस बात की खबर नहीं थी कि देव साहब इन चीजों को गलत तरीके से समझ रहे हैं
जीनत ने बताया, ‘देव आनंद ने अपनी ऑटोबायोग्राफी रोमांसिंग विद लाइफ में बताया था कि वह मुझसे प्यार करते थे और राज साहब के साथ मेरी नजदीकियां उन्हें पसंद नहीं थीं, तब यह जानकर मैं हैरान हो गई थी। मैं अपमानित महसूस कर रही थी और घबरा गई थी। जिन देव साहब को मैंने इतनी इज्जत दी, उन्हें अपना मेंटर समझा, उन्होंने न सिर्फ मेरे बारे में ऐसी बातें की, बल्कि उसे दुनिया के लिए पब्लिश भी कर दी। कई हफ्ते तक इस बारे में मुझे लोगों के फोन आते थे और वह पूछते थे कि यह क्या हो गया।’
जीनत ने कहा, ‘देव साहब की वह किताब मैंने कभी नहीं पढ़ी और गुस्से में वह कॉपी स्टोर में रख दी। यह एक बहुत बड़ी गलतफहमी थी। इस बात से मैं काफी शर्मिंदा हो गई थी। मैंने इस बारे में कई साल तक कहीं भी बात नहीं की, लेकिन अब मुझे अपनी बात को कहने के लिए सही प्लेटफार्म मिला है और समय भी। इंसानों द्वारा गलतियां होना स्वाभाविक है। हर किसी से गलती हो जाती है। मैं देव साहब को हमेशा दुर्लभ प्रतिभा के धनी व्यक्ति के तौर पर याद रखूंगी। मैं उनकी हमेशा आभारी हूं।’