12 साल की उम्र में छोड़ा घर तबले को आम आदमी की नजरों में बनाया खास, कुछ यूं रहा अल्ला रक्खा का सफर
दिग्गज तबला वादक अल्ला रक्खा किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई थी। अल्ला रक्खा का जन्म 29 अप्रैल सन् 1919 में हुआ था। साल 1967 में कैलिफोर्निया के मोंटेरे में काउंटी फेयर ग्राउंड में हजारों लोगों की भीड़ जमा हुई थी। स्टेज पर दिग्गज सितार वादक पंडित रविशंकर भीमपलासी राग बजा रहे थे। यह वार्षिक मोंटेरे पाप फेस्टिवल का आखरी दिन था। अंग्रजी रॉक लीजेंड द हू, गिटार वादक जिमी हेंड्रिक्स और अमेरिकी राक बैंड द ग्रेटफुल डेड को उनके बाद परफॉर्म करना था। इस बीच पंडित रविशंकर ने सितार बचाते हुए उस्ताद अल्ला रक्खा की तरफ देखा और अपना राग बंद कर दिया ताकि उनके तबले से उठ रही ताल को पूरे मैदान में गूंजने लगे। उनकी तबले की ताल पर सब झूम उठे।
12 साल उम्र में हुआ तबले से प्यार
अल्ला रक्खा के पिता सैनिक थे और मां गृहणी थीं। उनका जन्म जम्मू के एक मध्यवर्गी परिवार में हुआ था। अल्ला रक्खा जब 12 साल के थे तब उनका ध्यान तबला की तरफ आकर्षित हुआ। उस्ताद के पिता को नाटक देखने का शौक था, जिसकी वजह से वो भी उनके साथ जाया करते थे। अल्ला रक्खा ,जब कलाकारों की आवाज के साथ बज रहे तबले की ताल को सुनते तब उन्हें एक अलग सा आकर्षण महसूस होता था, लेकिन उनके परिवार को करियर के रुप में संगीत पसंद नहीं था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
ऑल इंडिया रेडियो में की नौकरी
अल्ला रक्खा जम्मू से भागकर अपने चाचा के साथ पंजाब में रहने लगे। इसके बाद वो दिग्गज कलाकार मियां कादर बख्श से संगीत सिखने के लिए लाहौर जाना चाहते थे। एक दिन उन्होंने अखबार में उनकी फोटो देखी और फैसला कर लिया कि उन्हें उनसे संगीत सिखना है। इसके बाद उन्होंने 10 साल तक पटियाला घराना के उस्ताद आशिक अली खान से गायकी सीखी। अपनी मेहनत और लगन की वजह से अल्ला रक्खा को साल 1940 में एक संगीतकार के रुप में ऑल इंडिया रेडियो में नौकरी मिल गई।
30 फिल्मों में किया काम
यहां एक तबला वादक के रुप में उनकी मुलाकात पंडित रविशंकर से हुई। उन्होंने तीन साल तक रेडियो में काम किया और इसके बाद अपनी किस्मत आजमाने के लिए फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। अल्ला रक्खा ने एआर कुरैशी के साथ मिलकर तकरीबन 30 फिल्मों में काम किया।
इतना ही नहीं उन्होंने साल 1960 में आई फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में सलीम के किरदार के लिए ऑडिशन भी दिया था। उस्ताद ने पाकिस्तान की जीनत बेगम से निकाह किया था। उन्होंने सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान के पिता हाफिज अली खान, बड़े गुलाम अली खान और रविशंकर जैसे कलाकारों के साथ काम किया।