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‘देश के किसी भी पाठ्यक्रम की नकल नहीं होगी’, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री का बड़ा बयान

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केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने भुवनेश्वर में आयोजित जी 20 शिक्षा कार्य समूह की तीसरी बैठक में विदेशी प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 के तहत शिक्षा में आ रहे बदलावों की जानकारी दी।

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने बुधवार को कहा कि स्कूलों में वोकेशनल पाठ्यक्रम तैयार करने में किसी भी देश के पाठ्यक्रम की नकल यानी कॉपी पेस्ट नहीं किया जाएगा। स्कूली शिक्षा में वोकेशनल पाठ्यक्रम देश में इंडस्ट्री की मांग और भविष्य के रोजगार को देखते हुए तैयार होगा।सिंगापुर मॉडल के अच्छे सुझावों और योजनाओं के अध्ययन व संभावनाओं के तहत भारत अपने वोकेशनल पाठ्यक्रम में शामिल करेगा। सभी राज्यों से बात करके उनकी सहमति के साथ 2024 सत्र से स्कूली शिक्षा में छठीं कक्षा से कौशल विकास की पढ़ाई होगी।

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने भुवनेश्वर में आयोजित जी 20 शिक्षा कार्य समूह की तीसरी बैठक में विदेशी प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 के तहत शिक्षा में आ रहे बदलावों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनईपी से अब मातृभाषा में पढ़ाई आजादी मिल रही है। छात्र अपनी मनपसंद भाषा में पढ़ाई कर सकते हैं। छात्रों को स्कूलों में ही किताबी ज्ञान के साथ कौशल विकास की ट्रेनिंग मिलेगी ताकि वे अपनी पसंद के आधार पर रोजगार को चुन सकें।

धीरे -धीरे नौकरी के तरीके में बदलाव आ रहा है। यदि तकनीक और कौशल को नहीं अपनाया तो नौकरी मिलना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में कौशल को शामिल करने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के शिक्षा व कौशल के काम को भारतीय स्कूली शिक्षा के पाठ़यक्रम में शामिल करने जा रहा है।

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