पहलवानों का कहना है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों पर निगरानी समिति की जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज हो।
मंत्रालय ने रिपोर्ट नहीं की है सार्वजनिक
सरकार ने इस पर दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय निगरानी समिति गठित की थी, जिसने अप्रैल के पहले हफ्ते में अपनी जांच रिपोर्ट जमा कर दी है लेकिन अभी तक इसे मंत्रालय ने सार्वजनिक नहीं किया गया है। समिति में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन और भारतीय खेल प्राधिकरण की कार्यकारी निदेशक राधिका श्रीमान शामिल थे। बाद में कमेटी में गीता फोगाट को भी जगह दी गई थी। खेल मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से बृजभूषण सिंह को हटाकर इस कमेटी को ही कुश्ती फेडरेशन के काम संभालने की जिम्मेदारी सौंपी थी। भारतीय ओलंपिक संघ ने भी अपनी सात सदस्यीय समिति गठित की थी। इसकी रिपोर्ट भी नहीं आई है।
सात महिला पहलवानों ने कराई है पुलिस में शिकायत
दो दिन पहले सात महिला पहलवानों ने कनाट प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की है, इन पहलवानों में एक नाबालिग भी शामिल है। ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा कि पुलिस हमारी शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रही है, एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है, समझ नहीं आ रहा कि ढिलाई क्यों बरती जा रही है। ऐसे संवेदनशील मामलों पर तो त्वरित कदम उठाए जाने चाहिए।
हमारे साथ सिर्फ सच की ताकत: विनेश
राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की चैंपियन विनेश फोगाट ने कहा कि हम सरकार को जांच रिपोर्ट रिलीज करने की मांग करते-करते थक गए हैं। हमने दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित पुलिस स्टेशन में शिकायत की है और चाहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। हमें कुश्ती महासंघ की चुनावी प्रक्रिया से लेना-देना नहीं है। हम अपने कॅरिअर को लेकर चिंतित हैं। अगले साल पेरिस ओलंपिक हैं और हम जल्द से जल्द अपनी तैयारियां शुरू करना चाहते हैं। हमारे साथ सिर्फ सच की ताकत है लेकिन मुझे लगता है कि वह पर्याप्त नहीं है। हमें न्याय चाहिए और जब तक नहीं मिलेगा हम विरोध करते रहेंगे। कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के रूप में बृजभूषण 12 साल पूरे कर चुके हैं। वह कह चुके हैं कि 7 मई को होने वाले चुनाव में शीर्ष पद के लिए नामांकन नहीं करेंगे लेकिन संकेत दिए हैं कि वह फेडरेशन में किसी नई भूमिका में हो सकते हैं।
विनेश को अंदर आने से रोका, मीडिया कर्मियों से बदसुलूकी
अंधेरा होते ही उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया जब पुलिस कर्मियों ने पहलवानों और मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी। विनेश और उनके पति सोमबीर खाना लेने के लिए धरना स्थल से उठकर बाहर गए थे। इस दौरान उनके साथ कुछ मीडिया कर्मी भी थे, लेकिन पुलिस ने न सिर्फ मीडिया कर्मियों को जबरन बाहर कर दिया बल्कि विनेश को अंदर आने सेे रोक दिया। इस दौरान एक मीडिया कर्मी की पुलिस से झड़प भी हुई। उसने 100 नंबर पर शिकायत भी दर्ज कराई। बाद में यह मीडिया कर्मी अपना मेडिकल कराने भी गया। जब पूरा मीडिया एकत्र हो गया तो विनेश को अंदर आने दिया गया। बजरंग और विनेश ने कहा कि उन्हें धरना स्थल से हटाने की कोशिशें हो रही हैं। उनका खाना-पीना बंद किया जा रहा है, लेकिन वे धरने से नहीं हटेंगे। बाद में मीडिया कर्मियों के हंगामे के बाद बजरंग खाना लाने के लिए बाहर गए।
सरकार की समिति की रिपोर्ट जमा करने में और कितना समय लगेगा। तीन महीने तो हो चुके हैं और हम अभी तक इंतजार कर रहे हैं। क्या रिपोर्ट तब आएगी, जब शिकायत करने वालीं लड़कियां दम तोड़ देंगी। -विनेश फोगाट
ये लड़ाई समाप्त होने वाली नहीं है। लड़कियां समिति के सामने पेश हुई थी लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई। फेडरेशन पहले की तरह चल रही है, बदलाव क्या आया। साक्षी मलिक, ओलंपिक पदक विजेता
अगर हम महिला पहलवानों के साथ खड़े नहीं होंगे तो और कौन खड़ा होगा। इस लड़ाई में हम पीछे नहीं हटेंगे।-बजरंग पूनिया, ओलंपिक पदक विजेता