उमेश हत्याकांड में पांच लाख के इनामी वांटेड गुड्डू मुस्लिम की लोकेशन उड़ीसा के पुरी में मिली है। एक टीम को पुरी के लिए रवाना कर दिया गया है। गुड्डू मुस्लिम लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है। इससे पहले उसकी लोकेशन महाराष्ट्र के नासिक में मिली थी।
उमेश हत्याकांड में पांच लाख के इनामी वांटेड गुड्डू मुस्लिम की लोकेशन उड़ीसा के पुरी में मिली है। एक टीम को पुरी के लिए रवाना कर दिया गया है। गुड्डू मुस्लिम लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है। इससे पहले उसकी लोकेशन महाराष्ट्र के नासिक में मिली थी। पुलिस का कहना है कि गुड्डू बेहद शातिर है। वह कई घटनाओं में कई बार फरार रह चुका है। वह मोबाइल फोन का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं कर रहा है।असद और गुलाम के एनकाउंटर के बाद अब पुलिस का पूरा ध्यान पांच लाख के इनामी शूटर गुड्डू मुस्लिम पर है। गुड्डू हत्याकांड के बाद लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा। छह मार्च को गुड्डू, अतीक के रिश्तेदार अखलाक के घर मेरठ पहुंचा था। यहां पर 17 घंटे रहा। अखलाक से एक लाख रुपये लेकर वह वहां से निकल गया था। बाद में उसकी लोकेशन अजमेर में मिली थी। इसके बाद उसने झांसी में सतीश पांडेय के घर को अपना ठिकाना बनाया था। यहां से निकलकर वह सीधा नासिक चला गया। अब पता चल रहा है कि वह उड़ीसा के पुरी इलाके में है। इस सूचना पर पुलिस की एक टीम पुरी के लिए रवाना हो गई।
एसटीएफ के अफसर गुड्डू मुस्लिम को अतीक गैंग का सबसे खतरनाक सदस्य मान रहे हैं। दरअसल, गुड्डू ने अतीक के अलावा कई अन्य माफिया के लिए भी काम किया था। इस कारण वह जानता है कि पुलिस किस तरह से उसकी लोकेशन ढूंढ सकती है। वह कई बार फरारी काट चुका है। एसटीएफ और पुलिस को कई बार उसकी सटीक लोकेशन मिली थी लेकिन हर बार पुलिस टीम के पहुंचने से पहले ही वह भाग निकला।
अजमेर और नासिक में तो गुड्डू को गिरफ्तारी की अफवाह तक उड़ गई थी। अजमेर की फोटो भी वायरल हुई थी जिसमें बताया गया था कि गुड्डू मुस्लिम को एसटीएफ ने मार गिराया लेकिन सब बातें गलत निकलीं। पुलिस अब भी गुड्डू मुस्लिम की तलाश कर रही है। प्रयागराज के चक निरातुल स्थित उसके घर पर ताला लगा है। पुलिस उसके कई करीबियों को पकड़कर पूछताछ कर चुकी है लेकिन उसकी लोकेशन किसी को भी नहीं पता।
चलते चलते बम बनाने का है मास्टर
गुड्डू मुस्लिम का घर अतीक के घर के पास में ही है। वह बचपन से ही बम बनाने का एक्सपर्ट था। धीरे धीरे वह इतना माहिर हो गया था कि चलते चलते बम बना देता था। उसे असलहों से ज्यादा बम पर विश्वास था। इसीलिए जब उमेश की हत्या के लिए असद सबको स्वचालित असलहे दे रहा था तो गुड्डू ने बम से भरा झोला पसंद किया। उसने बम से ही तहलका मचा दिया था। सिपाही राघवेंद्र को उसने पीछे से बम मारा था, जो सिपाही की मौत का कारण बना।
लखनऊ में स्पोर्ट्स टीचर की हत्या में पहली बार नाम आया था गुड्डू मुस्लिम का
गुड्डू मुस्लिम बचपन से ही जरायम की दुनिया में कूद गया था। 15 साल की उम्र वह पहली बार चोरी में पकड़ा गया था। इसके बाद धीरे धीरे उसने अपराध के हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाना शुरू कर दिया। घर वालों ने उसके खराब लक्षणों को देखकर उसने लखनऊ भेज दिया कि वह सुधर जाए लेकिन हुआ उल्टा। वहां वह माफिया धनंजय सिंह और अभय सिंह के संपर्क में आ गया। 1997 में लखनऊ के लऍ मार्टीनियर काॅलेज के स्पोर्ट्स टीचर फ्रेडरिक जे गोम्स की सनसनीखेज हत्या कर दी गई थी।
हत्याकांड में गुड्डू के अलावा धनंजय सिंह का भी नाम आया था। किसी बड़े मामले में पहली बार गुड्डू मुस्लिम नामजद हुआ तो वह बड़े बड़े अपराधियों की निगाह में आ गया। हालांकि स्पोर्ट्स टीचर की हत्या में बाद में गुड्डू और धनंजय दोनों बरी हो गए थे। इसी दौरान वह श्रीप्रकाश शुक्ला के भी संपर्क में आया। कुछ दिन उसने गोरखपुर के माफिया परवेज टाडा के लिए भी काम किया। इसी दौरान माफिया सूरजभान से भी उसकी मुलाकात हुई तो वह उसके लिए काम करने लगा।