आईडीबीआई बैंक के मैनेजर राहुल यादव की पत्नी नीतू की रहस्यमय हालत में हुई मौत के मामले में छह दिन बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है। विवाहिता के पिता और भाई कानपुर से लेकर प्रयागराज तक पुलिस की परिक्रमा करते थक गए हैं।
आईडीबीआई बैंक के मैनेजर राहुल यादव की पत्नी नीतू की रहस्यमय हालत में हुई मौत के मामले में छह दिन बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है। विवाहिता के पिता और भाई कानपुर से लेकर प्रयागराज तक पुलिस की परिक्रमा करते थक गए हैं। कानपुर पुलिस के इन्कार पर धूमनगंज थाने पहुंचे भाई और परिवार के अन्य सदस्य दो दिन से थाने के बाहर चक्कर काट रहे हैं। भीतर माफिया अतीक अहमद और अशरफ से पूछताछ चलने की वजह से वहां उनका केस दर्ज करना तो दूर थाने के भीतर घुसने तक नहीं दिया गया।
नौ अप्रैल की सुबह धूमनगंज इलाके के एक निजी अस्पताल के प्राइवेट कक्ष में प्रसव के बाद भर्ती नीतू यादव का शव बाथरूम में मिला था। ससुरालवालों द्वारा नीतू द्वारा बाथरूम में ड्रिप वायर से लटककर जान देने की बताई जा रही कहानी उनके गले नहीं उतर रही है। 10 अप्रैल को कानपुर के बर्रा-छह स्थित ससुराल में नीतू के शव का अंतिम संस्कार किए जाने के बाद से ही मायके वाले प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
इंस्पेक्टर का कहना था कि वह कुछ जरूरी काम में व्यस्त हैं, थोड़ा इंतजार कर लें, मुकदमा लिख लिया जाएगा। लेकिन रात रात भर इंतजार के बाद भी न कोई पुलिस का अफसर मिला न एफआईआर लिखी गई। इस बीच पुलिस रिमांड मिलने के बाद वहां माफिया अतीक अहमद और अशरफ से पूछताछ शुरू हो गई। ऐसे में थाना परिसर में बैरिकेडिंग कर आम लोगों का प्रवेश रोक दिया गया। शुक्रवार को अभिषेक सुबह से देर रात तक थाने के बाहर ही खड़े रह गए।