मड़ौली अग्निकांड में मां-बेटी के जिंदा जलने का मामला फिर से तूल पकड़ रहा है। दरअसल, मांगों को लेकर मड़ौली कांड के पीड़ितों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन अनशन शुरूकर दिया है। मामले में सपा पार्टी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।
कानपुर देहात में मैथा तहसील क्षेत्र के चालहा गांव में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान झोपड़ी में लगी आग में मां-बेटी की जलकर मौत हो गई थी। पीड़ित परिवार ने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी व वायदों को पूरा करने की मांग को लेकर डीएम कार्यालय परिसर में गुरुवार से अनिश्चित कालीन अनशन शुरू किया है।
अब मामला एक बार फिर से तूल पकड़ रहा है। मड़ौली ग्राम सभा के चाहला गांव में 13 फरवरी को सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के सामने झोपड़ी में आग लग गई थी। इसमें जलकर प्रमिला दीक्षित और उनकी बेटी नेहा की मौत हो गई थी।
इस मामले में रूरा थाने में हत्या व अन्य धाराओं में निलंबित तत्कालीन मैथा एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद व तत्कालीन रूरा थानाध्यक्ष समेत 39 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। शिवम ने बताया कि 39 आरोपियों में अब तक निलंबित तत्कालीन लेखपाल अशोक कुमार और जेसीबी चालक दीपक को छोड़कर किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई।
पीड़ित परिवार बोला- अब तक नहीं पूरी की है मांगे
शासन और प्रशासन ने वायदे के तहत उनके परिवार के किसी व्यक्ति को अब तक सरकारी नौकरी नहीं दी है और न ही उप मुख्यमंत्री से मुलाकात ही कराई है। घोषणा के अनुसार पांच-पांच बीघा जमीन की जगह उसे व उसके भाई को एक-एक बीघा जमीन का ही पट्टा दिया गया है। शासकीय आवास भी नहीं दिया गया है।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा है कि न्याय के लिए पीड़ित ब्राह्मण परिजन धरने पर बैठे हैं। योगी जी का बुलडोजर और एनकाउंटर सिर्फ एक वोटर विशेष को खुश करने के लिए चलता है। आपराधिक मामले को धार्मिक बनाकर वोट की गंदी राजनीति करने वाले सरकार के जातिवादी मुखिया का यही चरित्र है।