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जल, थल व नभ से 24 घंटे होगी राममंदिर की निगरानी, राष्ट्रपति भवन की तरह अभेद्य होगी सुरक्षा

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 जल, थल व नभ से 24 घंटे होगी राममंदिर की निगरानी, राष्ट्रपति भवन की तरह अभेद्य होगी सुरक्षा

रामजन्मभूमि स्थायी सुरक्षा समिति की बैठक बृहस्पतिवार को रामघाट स्थित कार्यशाला में हुई। प्रदेश के एडीजी सुुरक्षा बीके सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि जल, थल और नभ से 24 घंटे राममंदिर की निगरानी की जाएगी। रामजन्मभूमि की सुरक्षा संसद व राष्ट्रपति भवन की तरह अभेद्य होगी। बैठक से पहले सुरक्षा अधिकारियों ने रामजन्मभूमि परिसर का निरीक्षण भी किया।

एडीजी सुरक्षा व एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया सहित अन्य आला अधिकारी बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे अयोध्या पहुंचे। अधिकारियों ने सबसे पहले रामजन्मभूमि परिसर में चल रहे राममंदिर निर्माण कार्य को देखा। ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ निर्माण के चलते सुरक्षा व्यवस्था में किए जाने वाले बदलाव आदि को लेकर चर्चा की। निरीक्षण के बाद सभी अधिकारी रामघाट स्थित कार्यशाला पहुंचे, जहां करीब दो घंटे तक चली बैठक में रामजन्मभूमि परिसर व अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंथन किया गया।

बैठक में राममंदिर की सुरक्षा में आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल ज्यादा करने का निर्णय लिया गया। तय हुआ कि परिसर में सीसीटीवी का जाल बिछाया जाएगा। एक फायर स्टेशन बनाने पर भी मुहर लगी है। बैठक में 77 करोड़ से अत्याधुनिक हथियार खरीदने को लेकर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही रामजन्मभूमि बम निरोधक दस्ता (बीडीएस) व डॉग स्कवॉयड की टीमों की स्थायी तैनात करने की जानकारी दी गई। अभी जरूरत पड़ने पर इन टीमों को बाहर से बुलाना पड़ता था।

बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राष्ट्रपति भवन व संसद की तरह ही रामजन्मभूमि की सुरक्षा भी अहम है। रामनगरी की सुरक्षा जल, थल और नभ से अभेद्य होगी। सरयू की ओर से भी रामनगरी की सुरक्षा मजबूत करने की योजना बन रही है। बैठक में राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, मंडलायुक्त गौरवदयाल, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम नितीश कुमार, विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष विशाल सिंह, एसएसपी मुनिराज, सीआरपीएफ कमांडेट छोटेलाल, आईबी, एलआईयू समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे।

संपर्क मार्गों को किया जाएगा चौड़ा
राममंदिर की तरफ जाने वाले तीन मुख्य मार्गों के अलावा कई संपर्क मार्ग भी हैं। इन मार्गों से भी राममंदिर की तरफ लोगों का आवागमन होता है। इन मार्गों को चौड़ा करने को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है। इन्हें सुरक्षा प्रबंधों के दायरे में रखा जाएगा। इसके साथ मूलभूत यात्री सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

मेलों में सुरक्षा के लिए बनेगा नया खाका
एडीजी सुरक्षा बीके सिंह ने बताया कि रामजन्मभूमि की सुरक्षा में अत्याधुनिक तकनीक को शामिल करने पर मंथन किया गया। अधिकतम सुरक्षा के साथ अधिकतम सहूलियत भी भक्तों को मिले, ऐसा खाका तैयार किया जा रहा है। कहा कि रामनगरी में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मेलों के लिए सुरक्षा व्यवस्था का नया खाका तैयार किया जाएगा।

हनुमानगढ़ी में भीड़ नियंत्रण का बनेगा प्लान
बैठक में तय किया गया कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की 70 फीसदी भीड़ हनुमानगढ़ी में होती है। ऐसे में हनुमानगढ़ी में भीड़ नियंत्रण का प्लान नए सिरे से बनाया जाएगा। हनुमानगढ़ी के प्रवेश और निकास मार्ग को लेकर मंथन चल रहा है। यहां लिफ्ट लगाने की भी योजना बन रही है। इसमें दर्शन-पूजन में श्रद्धालुओं की सहूलियत का ध्यान रखा जाएगा। 

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