हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान भाजपा के गतिरोध के बीच राज्य सरकार ने 285 स्कूलों को डिनोटिफाई कर दिया है। भाजपा प्रदेश में संस्थानों को बंद किए जाने को लेकर विरेध कर रही है। इस बीच सरकार ने जीरो एनरोलमेंट वाले प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को बंद कर दिया है। शिक्षा विभाग ने कल देर शाम 285 स्कूलों को बंद किए जाने की अधिसूचना भी जारी की।
बंद किए गए स्कूलों में 57 मिडिल स्कूल में और 228 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं। 8 जिलों में मिडिल स्कूल बंद किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा शिमला जिले में 29 स्कूल बंद किए गए। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला में 12 स्कूलों को डिनोटिफाई किया गया है। हमीरपुर में 2, कांगड़ा में 4, किन्नौर में 3, कुल्लू में 1, लाहौल स्पीति में 3 और सोलन में 2 स्कूलों को बंद किया गया है।
शिमला जिला में सबसे ज्यादा 56 प्राइमरी स्कूल बंद
सबसे ज्यादा शिमला जिला में 56 स्कूल बंद किए गए हैं। कांगड़ा में 48, मंडी में 39 ,कुल्लू में 11 ,किन्नौर में 10, हमीरपुर में 10, बिलासपुर में नॉन चंबा में 13, किन्नौर में 10, लाहौल स्पीति में 20, सिरमौर में 5, सोलन में 6 और ऊना में 1 स्कूल डिनोटिफाई किया गया है। सुक्खू सरकार पहले ही कह चुकी है कि जीरो एनरोलमेंट स्कूलों को बंद किया जाएगा, जिसके तहत ही स्कूलों को डिनोटिफाई कर दिया गया है।
कम स्टाफ वाले स्कूलों में भेजे जाएंगे बंद स्कूलों का स्टाफ
बंद किए गए स्कूलों के स्टाफ को सरकार उन स्कूलों में भेजेगी, जहां पर शिक्षक नहीं है या स्टाफ की कमी चल रही है। ऐसे करीब 455 स्कूल आइडेंटिफाई किए गए हैं, जहां स्टाफ नहीं हैं। 3000 से ज्यादा ऐसे स्कूल बताए जा रहे हैं, जहां मात्र 1 या 2 शिक्षक है।
भाजपा में और भड़क सकती विरोध की ज्वाला
एक तरफ भाजपा प्रदेश में बंद संस्थानों को खोलने के लिए सरकार पर लगातार दबाव बना रही है। बंद संस्थानों के विरोध में भाजपा सरकार को विधानसभा के बजट सत्र में सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह घेर रही है। ऐसे में 285 स्कूलों को डिनोटिफाई किए जाने के सरकार के फैसले के बाद भाजपा में विरोध की चिंगारी और भड़क सकती है। संस्थानों को बंद किए जाने के विरोध में भाजपा ने विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव किया था। इसके अलावा जंजीर और ताले के साथ विरोध प्रदर्शन भी किया था।