प्रयागराज के सुलेमसराय में उमेश पाल मर्डर केस को आज 15 दिन बीत गए हैं। हमले में शामिल दो आरोपियों का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। 3 घरों पर बुलडोजर चला। हमले में शामिल बाकी 5 शूटरों की तलाश में पुलिस, STF और SOG की टीमें छापेमारी कर रही हैं। उन सभी पर ढाई-ढाई लाख का इनाम घोषित किया गया है। फरार शूटरों में अतीक अहमद का बेटा असद भी शामिल है।
उनकी पत्नी जया पाल और मां शांति देवी से बात की। उन्होंने बातचीत के दौरान कई अहम बातें बताई। इसमें उमेश का पूजा पाल से रिश्ता और अब उनकी मौत के बाद न्याय की मांग की बात भी है। आइए सबकुछ एक तरफ से जानते हैं।
पीएसी के 50 जवान सुरक्षा में तैनात
इलाहाबाद हाईकोर्ट से करीब 4 किलोमीटर कानपुर रोड पर आगे बढ़ने पर सुलेमसराय इलाका आता है। यहीं धूमनगंज थाना है। थाने से करीब 200 मीटर दूर जयंतीपुर कॉलोनी में उमेश पाल का घर है। जिस गली में उमेश पर बम से हुआ था उस गली से होते हुए हम आगे बढ़े। आसपास पीएसी की तैनाती है। इसलिए किसी से उमेश पाल का घर पूछने की जरूरत नहीं पड़ी। घर के बाहर पीएससी के करीब 10 जवान बैठे थे बाकी जवान चारों तरफ मौजूद थे। जवानों ने हमसे परिचय पूछा।
अपना परिचय बताने के बाद हम आगे बढ़े। उमेश पाल की 5 साल की बेटी और ढाई साल का बेटा घर के बाहर खेल रहे थे। बाकी दो बड़े बच्चे घर में थे। उमेश के भतीजे दिव्यांश से बात हुई फिर हम घर के अंदर पहुंचे। उमेश की पत्नी, मां, उनके मामा की बेटी घर के अंदर ही बैठे थे। पहले हमारी बात उनकी पत्नी जया से हुई।
उमेश को पता था कि वो जिससे लड़ रहे उससे उन्हें खतरा है
हमने उमेश की पत्नी जया से पूछा कि उमेश और पूजा में विवाद कब शुरू हुआ? जया कहती हैं, “उमेश शुरू से ही राजू पाल के साथ थे। उन्हीं के साथ आते-जाते थे। जब अतीक अहमद ने उनकी हत्या करवाई तब उन्होंने सबकुछ देखा था। उन्होंने तय किया था कि राजू को न्याय दिलाना है। इसलिए वह उनके लिए 18 साल तक लड़ते रहे। पूजा पाल से हमारा कोई विवाद नहीं है। वह भी यहां रही हैं।” हालांकि, पूजा पाल के उमेश के घर आने की बात को परिवार के ही कुछ सदस्य खारिज कर देते हैं।
हमने जया से उमेश की मौत अगले दिन पूजा से हुए विवाद को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा, “हम लोगों ने उन्हें कुछ नहीं कहा। उन्होंने ही तमाम उल्टी-सीधी बातें की। उनके मन में द्वेष है तो हम लोग क्या कर सकते हैं। उमेश का स्वाभाव बहुत अच्छा था, वह कभी किसी से कोई विवाद नहीं रखते थे। न ही किसी को किसी बात के लिए कभी मना किया। उन्हें पता था कि वह जिससे लड़ाई लड़ रहे हैं उससे खतरा है इसलिए कहीं जाना भी होता था तो घर के किसी सदस्य को लेकर नहीं जाते थे। दो गनर के ही साथ जाते थे।”
बच्चे आज भी पूछते, “मां, पापा अस्पताल से कब लौटेंगे”
हमने जया से पूछा कि क्या अब आपको डर लगता है, इसके जवाब में वह कहती है, जब तक मेरे आदमी जिंदा थे तब तक वह बेखौफ होकर जाते रहे। कभी यह नहीं सोचा कि मेरे साथ ऐसी वारदात हो जाएगी। अभी मेरे साथ पूरा प्रशासन और समाज खड़ा है तो डर नहीं लगता लेकिन फिर मैं कहूंगी जब उसका खात्मा हो जाएगा तब मैं और मेरा समाज सुरक्षित हो जाएंगे।
जया कहती हैं, “मेरे बच्चों को नहीं पता कि उनके पापा कहां हैं, वह आज भी कहते हैं कि मम्मी, पापा हॉस्पिटल से कब आएंगे। चलो पापा के पास। बच्चों को लगता है कि उनके पापा जल्द ही घर वापस आ जाएंगे। मैं उन्हें सच कैसे बताऊं।”
जया आगे बताती हैं, “हमें सरकार की तरफ से अभी कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। मैं इस मामले पर कुछ कहना नहीं चाहती हूं। मैं एक बार सीएम योगी से मिलना चाहती हूं। मैं उनसे अपने पति के मर्डर के सिलसिले में बात करना चाहती हूं।”
उमेश चुनाव लड़ना चाहते थे क्या अब आप चुनाव में उतरेंगी
चुनाव लड़ने के सवाल पर जया कहती हैं, “अभी तक हमारे दिमाग में यह सब नहीं चल रहा कि राजनीति करना है या नहीं करना है। अभी मुझे उन्हें न्याय दिलाना है। हम इस लड़ाई में अकेले पड़ गए हैं। अब मुझे सिर्फ बाबा साहब (योगी आदित्यनाथ) पर ही भरोसा है। मेरे घर में अब कोई करने वाला नहीं है। मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं। वह असहाय हैं। मुझे उनके लिए भी डर है कि जब कोई यहां आकर उनके पापा को मार सकता है तो कल को उन्हें भी मार सकता है। जब तक आरोपियों को जड़ से खत्म नहीं करेंगे तब तक हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं होंगे।”
उमेश की पत्नी के बाद हमने उनकी मां से बात की।
जिस तरह मेरे बेटा को मारा, वैसी ही मौत उसके कातिलों को मिलनी चाहिए
उमेश की मौत के बाद उनकी मां की आंखों से आंसू सूख से गए हैं। वह कहती हैं, जिस दिन मेरा बेटा मारा गया उस दिन से मेरा सिर्फ इतना कहना है कि मुझे न्याय उसी दिन मिलेगा जिस दिन अतीक और अशरफ के खानदान मारे जाएंगे। मुख्यमंत्री से निवेदन हैं कि जैसे मेरे बेटे के शरीर को गोलियों से छलनी किया गया उसी तरह उसके कातिलों को छलनी कर दें तभी मुझे तसल्ली मिलेगी।
आगे उन्होंने कहा, जब मेरी मुख्यमंत्री से मुलाकात होगी तब मैं उन्हें अपनी पूरी बात बताऊंगी। दो एनकाउंटर को लेकर वह कहती हैं कि इससे कुछ नहीं होगा। जब तक ये जड़ से न खत्म हो तब तक इंसाफ नहीं मिलेगा।
यहां हमारी बात पत्नी और मां से खत्म पूरी होती है। कमरे में ही उमेश की दो चचेरी बहनें बैठी थी। वह अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर कहती हैं, “उन्हें आज अपने बच्चों, पति और देवर की जान का खतरा सता रहा। तब उन्होंने उन्हें क्यों नहीं रोका जब वो हमारे भाई की हत्या की प्लानिंग कर रहे थे? हमारे भाई को मारकर भाभी को विधवा कर दिया। बच्चों को अनाथ कर दिया। अब इनका सहारा कौन बनेगा?”
उमेश पशु-पक्षियों को पालने के शौकीन थे
उमेश पशु-पक्षियों को पालने के शौकीन थे। घर में उन्होंने कई जानवरों के साथ दो डॉबरमैन कुत्ते और बहुत सारे पक्षी पाल रखे थे। पक्षियों के लिए घोसले बनवा रखे थे। हर दिन सुबह-शाम पक्षियों और जानवरों के खाने-पीने का ध्यान खुद रखते थे। उमेश की मां कहती हैं, उमेश ही इनका ख्याल रखते थे। 5-6 दिन तक कुत्ते ने कुछ खाया-पीया नहीं।
उमेश के परिवार से बातचीत करने के बाद हम उस लोकेशन पर पहुंचे जहां शूटर्स ने उनकी हत्या कर दी…
दुकान पर ट्रिमर खरीदने आया था शूटर
उस लोकेशन पर पहुंचकर हम अमित इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर गए। ये वही जगह थी जहां एक शूटर दुकानदार से बात करते हुए नजर आ रहा था। दुकान पर बैठे अमित कहते हैं, “उस दिन मैं और मेरे पिता जी दुकान पर थे। वो व्यक्ति करीब 10 मिनट तक दुकान पर रहा। पहले वह कुछ समानों के रेट पूछ रहा था फिर ट्रिमर दिखाने के लिए बोला। ट्रिमर का पूरा पैकेट खोलकर उसे अलट-पलट रहा था। फिर अचानक उमेश आए और यह ट्रिमर छोड़कर पिस्टल निकाला और फायरिंग करने लगा। फायरिंग के बीच पिताजी ने शटर बंद कर दिया।”
आखिर में जानते हैं कि इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ…
लोकेशन ट्रेस होने से पहले ठिकाना बदल रहे शूटर
हमले में शामिल 5 शूटर अभी भी फरार हैं। इसमें अतीक अहमद का बेटा असद, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, साबिर और अरमान शामिल हैं। सभी पर पुलिस ने ढाई-ढाई लाख रुपए का इनाम रखा है। इंटेलिजेंस टीम को पहले इन शूटरों की लोकेशन नेपाल मिली। टीम वहां पहुंची। लेकिन ठिकाना बदल चुका था। इसके बाद उनकी लोकेशन कोलकाता में मिली। एसटीएफ जब तक वहां पहुंचती शूटर्स ठिकाना बदल चुके थे। इसके अतिरिक्त पुलिस 20 हजार मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। 150 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा रही।
3 मकानों को ध्वस्त किया जा चुका है
इस हमले में मुख्य आरोपी माने जा रहे अतीक अहमद के 3 करीबियों के घर बुल्डोजर के जरिए ध्वस्त किए जा चुके हैं। सबसे पहले चकिया में जफर अहमद का घर गिराया गया। इस मकान में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन रहती थीं। इसके बाद सफदर रोड स्थित 60 फिट के एक मकान को ध्वस्त किया गया। 3 मार्च को अतीक के फाइनेंसर मासूकउद्दीन का घर ध्वस्त किया गया। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण की यह कार्रवाई घर का नक्शा नहीं पास होने के कारण की है।
अतीक की बहन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की
अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी, अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा और आयशा की बेटी उनजिला नूरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, “पुलिस हमारे परिवार को जबरन प्रताड़ित कर रही है। पुलिस कहती है कि हम तुम्हारे भाई को जेल से निकालकर एनकाउंटर कर देंगे। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा हमें धमकी दे रहे कि तुम्हारे भाईयों का एनकाउंटर होगा। हमारे भतीजे खतरे में हैं। हमारे घर गिराए जा रहे हैं। हमारा समय खराब चल रहा है।”
फिलहाल पुलिस की स्पेशल टीमें शूटर्स की तलाश में छापेमारी कर रही हैं। वह जल्द गिरफ्तारी की बात कह रहे हैं, दूसरी तरफ पीड़ित परिवार सीएम योगी से मिलना चाहता है।