तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को तालिबानी सजा दी जा रही है। उनके लिए हिंदी बोलना गुनाह हो गया है। मजदूरी से उठे विवाद में अब हिंदी बोलने वालों को चुन-चुनकर काटा जा रहा है। जमुई के युवक ने बताया कि इन लोगों ने 12 मजदूरों को एक कमरे में बंद कर के फांसी के फंदे पर लटका दिया। 15 से ज्यादा मजदूरों की हत्या का दावा किया जा रहा है। मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
कोयंबटूर में फंसे जमुई के युवक अरमान से फोन पर बात की। अरमान ने बताया कि वहां के लोग पूछ रहे हैं कि ऐला हिंदी, और हां कहने पर काट दे रहे हैं। जो लोग ट्रेन में बैठ रहे हैं, उन्हें भी उतारकर पूछ रहे हैं कि तुम हिंदी हो। मेरे एक दोस्त ने बताया कि उसके सामने बारावली में बिहार के 12 लोगों को एक कमरे में फांसी के फंदे से लटका दिया गया।
मैं जहां फंसा हूं वहां बिहार के करीब 1000 मजदूर हैं। कल मेरे सामने मेरे एक दोस्त से पूछा कि क्या तुम हिंदी हो इसके बाद उसकी 4 उंगलियां काट दी। वो दर्द के मारे छटपटाते रहा। मैंने उसकी मदद करने की सोची तो मुझे भी जान से मारने की धमकी दी। मैं किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा।
प्रशासन के पास हम मदद के लिए भी गए तो उनका कहना है कि वो तुम्हें मार रहे हैं तो तुम भी उन्हें मारो। मजदूर ट्रक, बस जो भी मिल रहा है उस साधन से तमिलनाडु से बाहर भाग रहे हैं।
अरमान ने बताया कि मैंने जमुई में भी प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन वो लोग कह रहे हैं कि तुम यहां आकर मिलो फिर देखते हैं।
मजदूरों ने कुछ वीडियो भी भेजे हैं। वीडियो विचलित करने वाले हैं। इन वीडियो में मजदूरों को दौड़ा-दौड़कर पीटा जा रहा है। हत्या की जा रही है। लोग इलाज नहीं मिलने से तड़प रहे हैं।
मजदूरों ने वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। मजदूरों का दावा है इन हमलों में कई मजदूर घायल हैं। घायलों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है।
शिवकट और तिरपुरा इलाके में हो रहे हमले
तमिलनाडु में ही फंसे बिहार के मजदूर सोनू ने बताया कि बिहार के मजदूर वैल्डिंग के काम में ज्यादा हैं। शिवकट और तिरपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया है। यहां सबसे ज्यादा लोहे की फैक्ट्रियां हैं। सोनू ने बताया कि अब तक जो भी काटने और मारने के वीडियो आए हैं वह शिवकट और तिरपुरा इलाके के ही हैं। जिसमें नारियल काटने वाले धारदार हथियार से बीच सड़क पर लोगों को काटने की घटना शिवकट की है। सोनू ने बताया कि वो जगह को पहचान रहा है, लेकिन मजदूरों को नहीं पहचान पा रहा है। वीडियो बनाने और फोटो वायरल करने पर यहां लोगों को ढूंढकर काटा जा रहा है। लोगों को घर से भी नहीं निकलने दिया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन भी मदद के लिए नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से ली हालत की जानकारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में ट्वीट किया है उन्होंने कहा कि मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है। मैंने बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निदेश दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एक्शन शुरू
कि सीएम के निर्देश के बाद बिहार के चीफ सेक्रेटरी ने तमिलनाडु के चीफ सेक्रेटरी से और बिहार के DGP ने तमिलनाडु के DGP से बात की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिहार के जो मजदूर वहां फंसे हैं। उन्हें सुरक्ष दी जाएगी। और घर तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। हम लगातार वहां की सरकार के संपर्क में हैं।
एक कमरे में कैद हैं मजदूर
तमिलनाडु में बिहार के जमुई समेत कई जिलों के मजदूर फंसे हुए हैं। सभी मजदूर तमिलनाडु के अलग-अलग जिले में फंसे हुए हैं। अपनी जान बचाने के लिए यहां हजारों मजदूरों ने खुद को अलग-अलग कमरों में बंद कर लिया है।
मजदूरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यहां भागलपुर, जमुई, मुंगेर, सहित अलग-अलग जिलों से मजदूर हैं। हम सब तमिलनाडु के तिरुपुर, बाढ़ावली, कोयंबटूर सहित अन्य जिलों में रहकर मजदूरी कर रहे हैं।
ये ही पूरे विवाद की वजह
तमिलनाडु में काम कर रहे जमुई के मजदूर ने बताया कि कुछ महीने पहले हिंदी बोलने वाले बिहारी मजदूर और स्थानीय तमिलनाडु मजदूरों के बीच एक बैठक की गई थी। इसमें ये तय किया गया कि अब मजदूरी 1000 रुपए से 1200 रुपए लेनी है। इसके लिए धमकी भी दी गई, लेकिन बिहारी मजदूर शरू से ही 800 रुपए में काम कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां उनका विश्वास है। कुछ मजदूरों ने तो कंपनी से एडवांस लिया है।
पुलिस भी नहीं कर रही मदद
मजदूरों का कहना है कि उन्होंने पुलिस से भी इसकी शिकायत की, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है। जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत वार्ड संख्या 12 निवासी कृष्ण दास का 18 वर्षीय पुत्र मोनू कुमार, सिकंदरा थाना क्षेत्र के धधौर निवासी तिरुपुर में रहने वाले पवन कुमार पर तेजधार हथियार से हमला कर किया गया।
इसमें पवन की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जबकि अपने भाई को बचाने गया उसका छोटा भाई नीरज को भी असामाजिक तत्वों ने घायल कर दिया। जबकि भागलपुर, मुंगेर, नवादा जिले सहित अन्य जिले के मजदूरों की हत्या हो चुकी है। जिसमें महिला मजदूर भी शामिल है।