शासन के निर्देशों के अनुसार विद्युत विभाग के स्थानीय अधिकारी नगरीय क्षेत्र में 24 घंटे, तहसील क्षेत्र में 20 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे की बिजली देने के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि नगरीय क्षेत्र में 24 घंटे, तहसील क्षेत्र में 20 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। स्थानीय अधिकारी इस फरमान का सिर्फ कागजों में बखूबी से पालन कर रहे हैं। भीषण गर्मी में दोपहर के समय आए दिन कई क्षेत्रों में बिजली गुल हो जाती है। ऐसा एक बार नहीं दिन में कई बार होता है। बिजली विभाग के अधिकारियों से पूछने पर मेंटिनेंस का काम करने, बकाएदारों के कनेक्शन काटने- जोड़ने के दौरान शटडाउन लेने का हवाला दिया जाता है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 18 घंटे लाइट देने के निर्देश हैं। इसके बाद भी यहां रात-रात भर बिजली गायब रहती है।
लेकिन कागजों में यहां भी 20 घंटे की बिजली आपूर्ति दर्शाई जा रही है। वहीं, कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी का कहना है कि जब बिजली एक घंटा या उससे अधिक समय के लिए गुल रहती है। तब इसे कागजों में दर्ज किया जाता है। थोड़े समय के लिए लाइट बंद करने का समय नहीं चढ़ाया जाता है।
बिजली के बार -बार जाने की शिकायतें मिली हैं। बार- बार लाइट बंद होने के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। अधिकारियों के साथ बैठक करके यह कोशिश की जाएगी कि दिन में एक या दो बार ही चेकिंग के दौरान बिजली को बंद किया जाए। – राजकुमार, अधीक्षण अभियंता
मेंटीनेंस के चलते दो घंटे ठप रही बिजली
झांसी। महानगर स्थित मुन्नालाल पावर हाउस से जुड़े हाइडिल कॉलोनी फीडर में सायं तकरीबन तीन बजे मेंटीनेंस का कार्य किया गया। इस दौरान बंसल कॉलोनी, स्वामीपुरम कॉलोनी, थापक बाग, हाइडिल कॉलोनी में दो घंटे बिजली सप्लाई ठप रही। इससे भीषण गर्मी में लोगों को बिजली और पानी की समस्या से जूझना पड़ा। वहीं, सूती मिल पावर हाउस से जुड़े बालाजी रोड़ फीडर की सुबह तकरीबन छह बजे से आठ बजे के बीच बिजली आपूर्ति ठप रही। इस दौरान सुबह के समय नलों में पानी नहीं आने के कारण लोगों को परेशान होना पड़ा।