कोटा टेक्निकल यूनिवर्सिटी का एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार एग्जाम में नंबर के बदले छात्राओं से संबंध बनाने की डिमांड करता था…
इस खुलासे ने पूरे राजस्थान को हैरान कर दिया था। अब एसआईटी ने एसोसिएट प्रोफेसर सहित तीन आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। एसआईटी ने एसोसिएट प्रोफेसर की करतूतों के 4 हजार पन्ने कोर्ट को सौंपे हैं। रिपोर्ट में अश्लील चैट के कई प्रिंट शॉट, गवाहों के बयान लिखे गए हैं।
छात्राओं को पास करने के लिए प्रोफेसर बोलता था- ‘न तो सर को पैसा चाहिए, न ही कुछ चाहिए, बस खुशी और आनंद चाहिए जो तुम अपने शरीर से दे सकती हो।’
SIT जांच के दौरान एसोसिएट प्रोफेसर के सहयोगी छात्र अर्पित ने अपने बयानों में कहा- प्रोफेसर गिरीश परमार ने मुझसे कहा था कि जो प्रश्न तुझे नहीं आए खाली छोड़ देना। घर पर आकर उत्तर लिख देना। इस कारण मैं दबाव में आ गया। सर ने मुझे गाली गलौज करते हुए फेल करने का डर दिखाते हुए बोला कि लड़कियों से बात करो।
अभी भी ब्रह्मास्त्र चला दूंगा
अर्पित ने अपने बयान में बताया कि परमार कहता था कि ‘तू उससे बोलना कि ‘मैं व्यापारी हूं सौदा पूरा होगा। उसको उसके नंबर मिलेंगे। मुझे मेरा मजा आएगा। कोई लड़की मेरे पास कॉपी में उत्तर लिखने आएगी तो मैं(********)( सब नंबर जा चुके, सब कुछ सबमिट है, पर अभी भी ब्रह्मास्त्र चला दूंगा।’
छात्राओं काे फंसाने के लिए इस तरह रची साजिश
9 नवंबर 2022 से पीसीएस (प्रोसेस कंट्रोल सिस्टम) की परीक्षा शुरू हुई थी। इस एग्जाम के 6 सेमेस्टर की 34 आंसर शीट की जांच में सामने आया कि एक छात्र की कॉपी में इवैलुएशन शीट पर 17 नम्बर दिए गए। जबकि कुल नंबर 14 ही हो रहे थे।
दूसरे छात्र के इवैलुएशन सीट पर 25 नम्बर दिए गए] जबकि कुल नंबर 24 ही आ रहे हैं। वहीं, एक छात्रा की इवैलुएशन सीट पर 11 नम्बर दिए गए, जबकि कुल नंबर 12 आ रहे थे। यानी नम्बर चैकिंग के दौरान स्टूडेंट्स के गलत मार्किंग की गई है।
गिरीश परमार के कब्जे से जब्त 6 सेमेस्टर की मिड टर्म एग्जाम की खाली कॉपियों में 6-6 नंबर दिए हुए हैं। अपनी सहयोगी ईशा यादव को एसोसिएट प्रोफेसर ने असाइनमेंट, मिड टर्म एग्जाम, अटेंडेंस में जानबूझकर ज्यादा नंबर दिए गए। अंकों से भी छेड़खानी की गई।
ईआइसी ब्रांच में कुल 35 स्टूडेंट्स हैं। इनमें से 34 ज्यादातर क्लास में आते थे। इनमें 10 छात्राएं थी। गिरीश परमार ने प्लानिंग के तहत पीड़िता की क्लास में 30 सवाल वॉट्सऐप ग्रुप में डलवाए। अपने वॉयस ऑडियो डलवाए, लेकिन एक भी सवाल एग्जाम में नहीं आया।
वोट नहीं देने पर फेल करने की साजिश रची
9 नवंबर को ईआइसी ब्रांच के 6 सेमेस्टर की परीक्षा थी। परीक्षा से दो तीन दिन पहले गिरीश परमार ने छात्रा ईशा यादव के पीसीएस क्लास के वाॅट्सऐप ग्रुप पर जानबूझकर 30 सवाल डलवाए। दरअसल, ईशा यादव क्लास के सीआर (क्लास रिप्रजेंटेटिव) चुनाव में हार गई थी। ईशा को वोट नहीं करने वाले स्टूडेंट्स को फेल करने के लिए ये पूरी साजिश रची गई।
खुद का कॉल रिकॉर्ड करवाया, बोला,’सबका साथ,सबका विकास’ सब यही प्रश्न कर लेना
गिरिश परमार के कहने पर ईशा यादव ने गूगल से सर्च कर 30 सवाल तैयार किए। वॉट्सऐप पर प्रश्न डलवाने से पहले गिरीश परमार ने ईशा को फोन किया। कॉल रिकॉर्ड करने को कहा। गिरीश परमार ने कहा- सभी ईशा की बात मान लो।
मैंने ईशा को इंपोर्टेंट सवाल बता दिए हैं। ईशा सबका विकास चाहती है। लास्ट में बोला कि ‘सबका साथ,सबका विकास’ सब यही प्रश्न कर लेना। ईशा ने 30 सवालों के साथ गिरीश परमार की कॉल रिकॉर्डिंग वॉट्सऐप ग्रुप में भेज दी।
ईशा ने खुद को 84 नंबर दिए
जांच में सामने आया कि गिरीश परमार ने पीसीएस 6 सेमेस्टर के पेपर की कॉपियां ईशा यादव और अर्पित अग्रवाल से अपने घर पर ले जाकर चेक करवाई। इस पेपर के बारे में ईशा यादव को पहले से ही जानकारी थी। यह पेपर ईशा यादव ने तैयार किया था। इसकी वजह से ईशा यादव ने खुद को 84 मार्क्स दिए।
छात्रा ईशा यादव ने अपने बयान में बताया कि गिरीश परमार ने मुझे पेपर का सॉल्यूशन पहले ही दे दिया था और समझा दिया था कि सॉल्यूशन से वर्ड टू वर्ड मैच करके मार्क्स देने हैं। मैंने कॉपी चेक करके मार्क्स दिए थे और मार्क्स की टोटल अर्पित कर रहा था।
गिरीश परमार सर ने खाली कॉपियों के लिए कहा था कि सभी खाली कॉपियों में 6 नंबर देना। इस पर मैंने सभी खाली कॉपियों में 6 नंबर दिए थे। परमार सर ने मुझसे कहा था कि तूने जो कॉपियां चेक की है, यह बात किसी को भी मत बताना।
उस दिन सभी स्टूडेंट्स की मिड टर्म और एंडटर्म की कॉपियां मैंने चेक की थी। मेरी और पीड़ित छात्रा की कॉपी घर पर नहीं थी। अगले दिन गिरीश परमार सर ने कॉलेज में मेरी और पीड़ित छात्रा की कॉपी चेक करवाई। जिसमें मेरी मिड टर्म की कॉपी को मैंने चेक करते हुए सर के कहने पर 25 में से 25 नंबर मेरे हाथ से दिए थे और पीड़िता को 25 में से 11 नम्बर दिए थे।
मैंने मेरी एंड टर्म की कॉपी गिरीश परमार सर के सामने खुद ने चेक कर नंबर दिए थे। उसमें मेरे 84 नंबर आए थे। अगले दिन परमार सर के कहने पर मैंने मेरी मिड टर्म की कॉपी पर 25 नंबर को ओवर राइटिंग कर 22 नंबर कर दिए थे।
परमार सर के कहने पर मैंने मेरी कॉपी के चार नंबर उत्तर पर सात नंबर को ओवर राइटिंग कर चार नंबर बना दिए थे। मेरे हॉस्टल के रूम में रखी हुई असाइनमेंट की कॉपियों को भी मैंने नंबर दिए गए थे। वही अटेंडेंस रजिस्टर में असाइनमेंट के नंबर मेरे द्वारा लिखे गए थे। केवल मेरे असाइनमेंट के नंबर अर्पित ने लिखे थे।
पहले भी शेयर करवाए थे पेपर
पूर्व छात्रों से पूछताछ में सामने आया गिरीश परमार ने पहले भी स्टूडेंट को पेपर से पहले महत्वपूर्ण टॉपिक वॉट्सऐप ग्रुप में सीआर के जरिए शेयर करवाए गए थे। उस टॉपिक में से एक भी सवाल नहीं आया था। गिरीश परमार छात्र-छात्राओं की बेक (फेल) लगाकर ब्लैकमेल करना। इसके बाद बैक निकलवाने के लिए अपने साथ फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए मजबूर करता।
ये था मामला
राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा के एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ उसी की स्टूडेंट ने फिजिकल रिलेशन के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए दादाबाड़ी थाने में शिकायत दी थी। जिस पर 20 दिसंबर को पुलिस ने मामला दर्ज किया था। 21 दिसंबर को पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार और बिचौलिए स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद एक अन्य छात्रा ने भी ऐसी की शिकायत थाने में दी थी।
जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। जांच के बाद गिरीश की एक और सहयोगी ईशा यादव को भी गिरफ्तार किया था। प्रोफेसर की कारगुजारी के कई ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। SIT की टीम ने आरोपियों के वॉयस सैंपल के लिए कोर्ट में एप्लिकेशन लगाई थी।
23 जनवरी को आरोपियों ने कोर्ट से वॉयस सैंपल देने के लिए इनकार कर दिया था। जांच टीम ने तीनों आरोपियों की हैंड राइटिंग व हस्ताक्षर के नमूने लिए थे। आरोपी ढाई महीने से ज्यादा समय से जेल में बंद है।
केस एक नजर में
- 20 दिसंबर 2022- दादाबाड़ी थाने में एफआईआर लगाई गई।
- 21 दिसंबर 2022- आरोपी गिरीश परमार और अर्पित अग्रवाल गिरफ्तार।
- 28 दिसंबर 2022- आरोपी इशा यादव गिरफ्तार हुई, तीनों को जेल भेजा गया।
- 20 फरवरी 2022- 4200 पेज का चालान कोर्ट में पेश।
4 हजार पेज में बताई करतूत, मामले में 37 गवाह बनाए
करीब 4 हजार पेज की चार्जशीट में प्रोफेसर और बिचौलिए स्टूडेंट की करतूतों की कहानी लिखी गई है। चार्जशीट के साथ पुलिस ने 52 दस्तावेज भी पेश किए हैं। जिनमें अश्लील चेट और स्क्रीन शॉट शामिल है। इसमें 37 गवाह बनाए गए हैं।
पब्लिक प्रोसिक्यूटर (पीपी) हितेश जैन ने बताया- जांच में एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार, बिचौलिए स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव के खिलाफ डरा धमकाने, जबरदस्ती वसूली, फिजिकल रिलेशन बनाने की डिमांड करने, मानसिक प्रताड़ित करने, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और एग्जाम पेपर में गड़बड़ी करने का केस दर्ज किया गया है।
SIT जांच में करीब 50 से ज्यादा ऑडियो मिले थे। इनमें छात्रा प्रोफेसर, छात्र प्रोफ़ेसर और पीड़िता दोनों स्टूडेंट के बीच की बातचीत है। इसमें प्रोफेसर सभी के लिए अभद्र भाषा बोल रहा है। कुल 30 ऑडियो को जांच में लिया है। इनकी पूरी ट्रांस स्क्रिप्ट तैयार की है। हालांकि तीनों आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने इन्हें FSLजांच के लिए भेजा है।
34 सवाल में से एक भी सवाल नहीं आया
विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश जैन ने बताया प्रोफेसर गिरीश परमार ने बिचौलिए स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल, ईशा यादव के साथ मिलकर स्टूडेंट्स को परीक्षा में फेल करवाने के लिए धमकाता था, और फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए दबाव डलवाया था। प्रोफेसर ने ईशा यादव, अर्पित अग्रवाल के साथ मिलकर एक पेपर तैयार किया और वॉट्सऐप ग्रुप में उस पेपर डाला।
जिसमें 34 प्रश्न थे उसमें से एक भी क्वेश्चन नहीं आया। अधिकतर छात्र उसमें फेल हो गए। कुछ छात्र पेपर नहीं कर पाए। उनकी खाली कॉपियों में भरने के लिए, फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए प्रोफेसर के कहने पर ईशा व अर्पित ने स्टूडेंट पर दबाव डाला।
जांच के दौरान पुलिस ने उत्तर पुस्तिका जब्त की है। इस संबंध में जो बातचीत गिरीश परमार, अर्पित अग्रवाल व ईशा के बीच हुई वो ऑडियो भी जांच के दौरान जब्त किए हैं। ऑडियो और कॉपियों को जांच के लिए FSL भेजा है।
पहला ऑडियो- प्रोफेसर गिरीश और ईशा के बीच पेपर सेट करने को लेकर हुई बात
प्रोफेसर -कहां तक पढ़ा है
ईशा– मूवमेंट जेनरेटिंग फंक्शन तक
प्रोफेसर– अब तू किताब में से सारे अनसोल्ड सवाल देख लेना। उनमें से ऐसे सवालों की फोटो खींच कर मुझे भेज जो तुम्हारे कैलकुलेशन के हिसाब से क्लास में कोई न कर पाए, अपने कर पाए
ईशा-अपने कर पाए का मतलब।
प्रोफेसर– अपने का मतलब तुम कर पाओ, मैं कर पाऊं
प्रोफेसर- देख किताब की ऐसी बात है मैंने आज तक नहीं बताया था। यह मेरे स्टूडेंट की लिखी है, m-tech से रिलेटेड है
प्रोफेसर– कुछ सवाल ऐसे भी है जो मेरे भेजे में आज तक नहीं घुसे, इस वजह से मैंने तुम्हें कराए भी नहीं
ईशा– यस सर
प्रोफेसर– जिस की जरूरत नहीं उस मामले में मैं क्यों आऊं, ऐसे सवाल ढूंढ मूवमेंट जेनरेटिंग फंक्शन तक ढूंढ
ईशा- जो टॉपिक आपने पढ़ाया उसमें से
प्रोफेसर- उसमें से ढूंढ क्योंकि कई लोगों का तो सेकेंड मिड टर्म होना है, कितना ढूंढेंगी 3,4,5,6,7,8
ईशा- यस सर
प्रोफेसर- फिर मैं मेरी पसंद से चूज करूंगा, अब तुम्हारे पास किताब का न्यू एडिशन है मेरे पास पुराना है
ईशा– न्यू नहीं है सर सेम है वह एकदम
प्रोफेसर– बस फिर तो क्या टेंशन है, फिर फोटो खींच सेम ही लग रही है तो
ईशा- जो हार्ड क्वेश्चन है उनकी न
प्रोफेसर- हां जिसमें अर्पित जैसा आदमी भी न कर पाए
प्रोफेसर- ईमानदारी से ऐसे सवाल भेजोगी और उसमें गलत हुई तो देख लेना
ईशा– हां हां हां
प्रोफेसर- देखो टेस्ट तो टेस्ट की तरह होगा, दोनों टेस्ट देने हैं, पहले के सवाल मैं दूंगा
ईशा– सर हमारा मिड टर्म वन भी होगा क्या
प्रोफेसर– लेने तो पड़ेंगे भाई दिखाने के लिए सबको वरना सारे चिल्लाएंगे
ईशा– सर ऐसा मत करो प्लीज
प्रोफेसर– हां नहीं करूंगा, ऐसा ही करूंगा चल पहले यह भेज फिर बात करेंगे
ईशा– एक घंटे में भेज दूंगी
छात्रा को लेकर अर्पित, गिरीश और ईशा के बीच बातचीत
अर्पित- आज बात हुई थी सर मेरी उससे
प्रोफेसर-किससे
अर्पित- छात्रा का नाम लेता है
प्रोफेसर- हां फिर क्या कह रही थी
अर्पित- मना कर दी साफ, उल्टा मेरे को धमकाने लग गई वह तो
प्रोफेसर- क्यों धमकाने लगी,क्या बोला तूने
अर्पित- तुझे इस टाइप की लड़की दिखती हूं क्या मैं, मेरे से ऐसी बातें मत किया कर तू
प्रोफेसर- वह तो अभी ईशा कह रही है कि मेरे कमरे में बैठी हुई थी, मैंने उसको समझाया। पता नहीं अर्पित तू घुमा फिरा कर बात करता है, ईशा को लूं लाइन पर
अर्पित– लो देखें
(फोन मिलाता है गाली देते हुए )
प्रोफेसर- सुनना यह क्या कह रहा है, हां बोल अपनी कहानी सुना ले
अर्पित- मेरे को तो मना कर दी उसने, मेरे को तो उल्टा बोला है उसने
प्रोफेसर- अभी इसके कमरे में बैठी हुई थी बावली
ईशा – अर्पित अभी जस्ट मेरे रूम में ही आई थी। वह बेक हटवाने की बोल रही थी मेरे से
अर्पित- फिर पूछना तूने अर्पित को ऐसा क्यों बोला
ईशा – मैंने उसे बोला था पर उसने कहा था कि अर्पित को भी मत बताना कि मैं तेरे पास आई थी, लेकिन मैंने सर को बता दिया
ईशा – उसने कहा कि तू निकलवा सके तो निकलवा दे, अर्पित से मुझे कोई उम्मीद नहीं है
प्रोफेसर- सुन लिया
ईशा – पर अर्पित का तो उसने मना ही करा है
प्रोफेसर- सुन लिया भैया अभी-अभी तो इसके कमरे से गई है पांच 10 मिनट पहले
प्रोफेसर- ठीक है, ठीक है, देखते हैं ईशा फोन काट दे
प्रोफेसर- यह है कहानी
अर्पित- मेरे लिए तो मना कर दी
प्रोफेसर- मरने दे,(दूसरी लड़की का नाम लेते हुए) वह तो भाग गई
अर्पित- वह तो आई नहीं आज
अर्पित- मरने दे रे, मुझे तो डर लगने लग गया, ऐसे कह रही है कि तुझे ऐसी लड़की दिखती हूं क्या
प्रोफेसर- (इस बीच वह छात्रा के लिए अश्लील टिप्पणी करता है)
प्रोफेसर- क्या बोला उससे
अर्पित- मैं सीधा-सीधा कुछ नहीं बोला, थोड़ा टेढ़े टाइप से बोला। सीधा बोलूंगा तो वह गुस्सा कर जाएगी, मैंने कहा कि सर गुस्सा है, तेरी शिकायत करने वाले हैं। पैसे की कमी नहीं है, बस आदमी एक चीज चाहता है वह पूरी हो जाए।
दूसरा ऑडियो
प्रोफेसर- अर्पित तो जानता है परमार साहब के नाम पर ठेके चलते हैं
युवक- है
प्रोफेसर- इसको पास कर देंगे। युवक- नहीं होना इसको। प्रोफेसर- फेल होना है…प्रोफेसर- कल क्लास में सरका दूंगा,कल क्लास में खड़े कर दूंगा। इसका रायता डोलते हैं
प्रोफेसर- इस बार इतिहास रिपीट करूंगा। मेरे पास पैसा है तू जानता है, जिसके पास पैसा होता है न, वो सब कर सकता है, डीन हमारा आदमी, वाइस चांसलर हमारा आदमी
प्रोफेसर- ये किसी की सगी नहीं है
युवक- वो समझ रही है, आगे होकर आएगी
प्रोफेसर- तू मेरे नाम से बात कर ले। प्रोफेसर- उसको पता है मेरे नाम से कितने ठेके चलते हैं।प्रोफेसर- तू आज ही बोल,वो जग रही है। सभी मजे ले रहे हैं