भिलाई में वैलेंटाइन डे पर जिन दो सहेलियों ने ट्रेन से कटकर जान दी थी, उनकी खुदकुशी का कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। जब मामले की पड़ताल की तो पता चला कि दोनों बचपन की सहेलियां थीं। दोनों एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते थे। उन दोनों ने पूरा का पूरा वैलेंटाइन वीक सेलिब्रेट किया। यहां तक की किस डे के दिन उन दोनों ने एक दूसरे को किस करते हुए फोटो लेकर वॉट्सऐप के डीपी में भी लगाया। इसके बाद वैलेंटाइन डे के दिन दुकान से जल्दी छुट्टी लेकर घर गईं और वहां से सीधे रेलवे ट्रैक में जाकर जान दे दी।
यशोदा साहू (16 वर्ष) और पुन्नी देवदास (17 वर्ष) ने एक साथ रेलवे ट्रैक पर लेट कर जान क्यों दी इसकी गुत्थी भट्ठी पुलिस अब तक नहीं सुलझा पाई है। लेकिन जब रामनगर के गांधी नगर जाकर पुन्नी के मामा ठाकुर दास, अवंती बाई चौक जाकर यशोदा की मां नेमिन साहू और भिलाई बाजार सुपेला के संचालक ओम प्रकाश पाण्डेय से बात की तो कई चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई।
पुलिस एक डिसीजन पर नहीं पहुंच पा रही है कि आखिर इन दोनों सहेलियों ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। दोनों परिवार को बुलाकर बयान ले रही हैं। शनिवार को भी भट्ठी थाने में बुलाकर उनसे बयान लिया गया। लेकिन खुदकुशी क्यों की इसका जवाब न तो पीड़ित परिवार के पास है और न ही पुलिस के पास।
एक दूसरे से बेहद प्यार करती थीं यशोदा और पुन्नी
न्यू भिलाई बाजार के संचालक ओम प्रकाश पाण्डेय के दुकान में पुन्नी और यशोदा काम करती थीं। जब ओम प्रकाश से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन दोनों में इतना प्यार था कि दो बहनों, बहन भाई, मां बेटी यहां तक की जुड़वां बहनों में भी नहीं होगा। दोनों साथ दुकान आतीं। साथ रहती। साथ सामान लाती। पूरा समय दोनों साथ-साथ रहती थीं। दोनों का स्वभाव काफी हंसमुख था और वो पूरे मार्केट की चहेती हो गईं थीं।
मरने से तीन दिन पहले मनाया था बर्थ-डे
मरने से तीन दिन पहले 11 फरवरी को पुन्नी का बर्थडे था। उसने घर पर केक काटने के बाद दुकान में जाकर सभी को मिठाई बांटी थी। दोनों सहेलियों ने साथ में बर्थडे सेलिब्रेट किया था। वो काफी खुश थीं और ओम प्रकाश से स्कूटी मांगकर साथ में घूमने भी गईं थीं।
दोनों ने पूरा वैलेंटाइन डे वीक मनाकर की खुदकुशी
यशोदा और पुन्नी ने 7 फरवरी से लेकर 14 फरवरी तक पूरा वैलेंटाइन वीक अच्छे से मनाया। उन्होंने एक दूसरे को गुलाब देकर रोज-डे से वैलेंटाइन डे वीक की शुरुआत की। इसके बाद जितने भी डे होते हैं उन्हें पूरा एंजॉय किया। यहां तक की 13 फरवरी को दोनों एक दूसरे से किस करके उसका फोटो वॉट्सअप डीपी पर भी डाला। डीपी देखकर दुकान मालिक ओम प्रकाश ने देखा तो दोनों को काफी डांटा भी था। इसके बाद भी उन्होंने डीपी को नहीं हटाया। फिर 14 फरवरी को दोनों ने जान दे दी।
एक रंग के कपड़े और स्लीपर पहन कर निकले थे बाहर
यशोदा और पुन्नी ने वैलेंटाइन डे को स्पेशल बनाने के लिए एक रंग के कपड़े और चप्पल खरीदे थे। मंगलवार को हाफ डे होने से वो दुकान से जल्दी निकल गई थीं। इसके बाद दोनों पुन्नी के घर गईं। वहां दो घंटे तक रुकी और फिर वहां से साथ आकर सीधे मौर्या-चंद्रा के पास रात 9 बजे रेलवे ट्रैक में जाकर लेट गईं। इंटरसिटी एक्सप्रेस की चपेट में आने से दोनों की मौत हो गई। बाद में जब परिजनों ने वैशाली नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस ने मरच्यूरी में रखे शव को दिखाकर उनकी पहचान कराई।
मरने से पहले अपने बॉयफ्रेंड से मिली थी यशोदा
भास्कर की पड़ताल में यह भी बात सामने आई कि यशोदा और पुन्नी एक दूसरे से प्यार तो करते थे, लेकिन दोनों के अपने-अपने बॉयफ्रेंड भी थे। पुन्नी किसी गांव के लड़के से प्यार करती थी तो वहीं यशोदा अपने पुराने घर के पास रहने वाले अजय नाम के लड़के से प्यार करती थी। चार महीने पहले यशोदा की मां ने अजय और यशोदा को काफी डांटा और एक दूसरे से दूर रहने की हिदायत दी थी। इसके बाद भी वो खुदकुशी से पहले शाम को 4 बजे गदा चौक के पास अजय से मिली थी। दोनों के बीच काफी देर तक बातें भी हुईं थी।
मरने से पहले बहन को किया फोन और डाला वीडियो
खुदकुशी करने से पहले पुन्नी ने अपनी बड़ी बहन को फोन किया था कि अगर वो मर जाती है तो उसकी मौत के लिए कोई दोषी और जिम्मेदार नहीं होगा। उसके पीछे से ट्रेन के निकलने की आवाज भी आ रही थी। इसके बाद पुन्नी ने अपनी सहेली यशोदा की फोटो लेकर बेस्ट फ्रेंड फॉरेवर और Good bye all india, I’m so said लिखकर वीडियो क्लिप बनाया। उसमें चला गया चांद.. कहां आसमा को छोड़ के गाना लगाया। इस वीडियो को अपने स्टेटस में लगाया। इसके बाद दोनों ने ट्रेन के आगे आकर खुदकुशी कर ली।
पुन्नी को मां-बाप ने छोड़ा तो यशोदा को पिता ने
पुन्नी और यशोदा की कहानी एक दूसरे को इस बात से भी जोड़ती है कि पुन्नी को यशोदा की मां ने दो तीन महीने तक अपने पास रखा था। पुन्नी की मां बच्चों को छोड़कर कहीं चली गई, उसके बाद पिता ने भी उन्हें नहीं अपनाया। इसके बाद पुन्नी और उसकी बहन अपनी मौसी और नानी के घर रहे थे। वहीं यशोदा के पिता ने भी उन्हें छोड़ दिया, जिसके बाद यशोदा की मां ने उन्हें पाला पोसा। पुन्नी और यशोदा बचपन के दोस्त थे। यशोदा ने ही पुन्नी को न्यू भिलाई बाजार में अपने साथ काम पर लगाया था।
परिजनों का रो रोकर बुरा हाल
जिस तरह से यशोदा और पुन्नी ने खुदकुशी की उसके बाद से उनके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। यशोदा की मां को लगता है कि आज भी उसकी बेटी काम पर गई है और शाम को घर आ रही होगी। मां का कहना है कि उसे नहीं पता था कि उसकी बेटी ऐसा भी कुछ करने वाली है। अगर जरा भी पता होता तो वो उसकी हर इच्छा को पूरा करती और उसे दुनिया से जाने नहीं देती।