मेरे पति कुलदीप दोस्तों पर जान देते थे। दोस्त उनके लिए परिवार से भी बढ़कर थे। कल भी वो अपने दोस्तों अतुल, अभनिय, प्रभात के साथ चित्रकूट में बारात में शामिल होने गए थे। बोला था कि आने में थोड़ी देर हो जाएगी, तुम सो जाना। सुबह 5 बजे मोबाइल की रिंग बजी तो लगा गेट खोलने के लिये कह रहे होंगे लेकिन वो कॉल पुलिस की थी। खबर थी उनकी मौत की। मनहूस खबर से मेरा पूरा परिवार बिखर गया। अब इस एक साल के बच्चे की देखभाल कौन करेगा और मैं किसके सहारे जिऊंगी।” ये दर्द है कुलदीप की पत्नी का, जिसकी तीन साल पहले शादी हुई और एक साल का बेटा है।
ये हाल सिर्फ कुलदीप के घर का नहीं है गांव के अतुल, अभिनय और प्रभात के घर में चीख पुकार मची हुई है। क्योंकि अब कोई जिंदा नहीं बचा। चारों दोस्त ज्यादातर समय एक साथ रहते थे और कहीं किसी भी पार्टी में जाना हो तो साथ ही जाते थे। ये साथ जिए और साथ ही अंतिम सांस भी ली। चारों का अंतिम संस्कार भी एक साथ किया गया। पूरा गांव गमगीन है। अब आपको बताते हैं एक-एक कर उन परिवारों का दर्द, जिनमें किसी की मांग उजड़ी, किसी ने बेटा खोया तो किसी ने भाई। निवाईच गांव में एक साथ चार चिताएं जलीं तो पूरा गांव रो उठा।
हादसे में जान गंवाने वाले कुलदीप की चिता को पिता ने मुखाग्नि दी। उसकी पत्नी की गोद में लेटा एक साल का बेटा।
पहले जानते हैं हादसे के बारे में
बांदा में गुरुवार तड़के स्कॉर्पियो और बोलेरो की भीषण टक्कर हो गई। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। 6 घायल हैं। यह सभी चित्रकूट के राजापुर में शादी समारोह में गए थे। सभी स्कॉर्पियो व बोलेरो से लौट रहे थे। ओवरटेक करने के चक्कर में स्कॉर्पियो ने पीछे से बोलेरो को टक्कर मार दी। हादसा तड़के 4 बजे तिंदवारी थाना क्षेत्र के पपरेंदा रोड पर हुआ। पुलिस सभी घायलों को ट्रॉमा सेंटर ले गई। वहां डॉक्टरों ने 5 को मृत घोषित कर दिया। 6 लोग घायल हैं। मृतकों में 4 दोस्त निवाईच गांव व एक पिपरहरी गांव का रहने वाला था। । हादसे के वक्त स्कॉर्पियो में 5 लोग सवार थे और बोलेरो में 6 लोग सवार थे। स्कॉर्पियो सवार 3 और बोलेरो सवार 2 लोगों की मौत हुई है।
एक साल के बेटे के सिर से उठा पिता का साया
निवाईच का निवासी कुलदीप (35) पुत्र शिवचरण स्कॉर्पियो लेकर गया बारात में था। कुलदीप की शादी चित्रकूट की रत्ना सिंह के साथ 3 साल पहले हुई थी। रत्ना सिंह ने रोते हुए बताया,” वह कहीं भी पार्टी में जाते थे तो अपने तीनों दोस्तों को साथ ले जाते थे। अब कोई नहीं बचा। मेरा 1 साल का बेटा साई है। उसे तो पता भी नहीं कि उसके पापा अब दुनिया में नहीं रहे।”कुलदीप दो भाइयों में सबसे छोटा था। बड़ा भाई अंगद सिंह है। कुलदीप खेती किसानी का कार्य करता था। कुलदीप के पिता शिवचरण की 10 वर्ष पहले बीमारी से मौत हो चुकी है। कुलदीप के पास साढ़े 6 बीघा जमीन है, वहीं घटना के बाद कुलदीप की बहन दीपा व सोनी का रो रोकर बुरा हाल है। हादसे में कुलदीप का भतीजा साहिल भी घायल है।
अतुल जनसेवा केंद्र चलाता था
गांव निवाईच के ही निवासी अतुल सिंह पुत्र बलराम सिंह पैलानी तहसील में जन सेवा केंद्र चलाता था, अतुल दो भाइयों में दूसरे नंबर पर था। बड़ा भाई रणधीर सिंह है। अतुल की शादी अभी नहीं हुई थी। मां रानी का रो रोकर बुरा हाल है। अतुल के पिता के पास साढ़े 4 बीघा जमीन थी। पिता दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। हादसे के बाद उन्होंने गांव आकर पिता को मुखाग्नि दी।
बहन के लिये रिश्ता खोज रहा था अतुल
गांव निवाईच के ही अभिनय पुत्र राजा भैया (24 वर्ष) दो भाइयों में सबसे छोटा था। अभिनय की मां सपना मौजूदा ग्राम प्रधान हैं। मां ने बताया ,” बेटा अभिनय अपनी बहन अंजलि (21 वर्ष) के लिये लड़का खोज रहा था। उसका सपना था कि पहले बहन के हाथ पीले करूंगा बाद में अपनी शादी करूंगा। बहन के लिये दूसरे जिलों में भी भागदौड़ कर रहा था । मृतक के नाम 72 बीघा जमीन है।”
लॉ का स्टूडेंट था प्रभात, अच्छी जॉब का था सपना
गांव निवाईच के प्रभात(26 वर्ष) पुत्र पंकज पांडे की मौत के बाद मां माधुरी, दादी सावित्री देवी और पिता पंकज पांडे का रो रोकर बुरा हाल है। परिवार के पास 25 बीघा जमीन है। प्रभात लामा गांव स्थित विधि महाविद्यालय में चौथे सेमेस्टर का छात्र था। मां ने बताया, ” बेटे की शादी के लिए आसपास के गांव खपटिहाकला, पिपरहरी समेत आधा दर्जन गांव के लोग आ चुके थे, एक जगह से बात पक्की होने वाली थी। पिता पंकज पांडे ने बताया कि मेरे बेटे की इच्छा थी कि लॉ करने के बाद अच्छी जॉब मिलने के बाद शादी करूंगा। प्रभात तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। बड़ा भाई पीयूष, छोटा भाई अभय है।
आर्मी की तैयारी कर रहा था उमेश
पिपरहरी गांव के मृतक उमेश की मौत की खबर पाकर पिता रमेश सिंह रोते हुए बेहोश हो गए। उमेश की मां सदु देवी का ने बताया, ” उमेश तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उससे छोटा सुरेश है, उसके बाद नरेश। उमेश की शादी की बात चल रही थी। उसके पापा के नाम 20 बीघा जमीन है। उमेश ने राजकीय महाविद्यालय पिपरहरी से बीए पास किया था।” पिता रमेश सिंह ने बताया कि उमेश आर्मी की तैयारी कर रहा था।
शत्रुघ्न ने बताई हादसे की आंखो देखी
हादसे में घायल शत्रुघ्न सिंह ने बताया, “गांव के ही एक दोस्त की बारात चित्रकूट के राजापुर गई थी। वहां से रात में सभी लोग वापस घर लौट रहे थे। चार बजे का समय था, इसलिए ज्यादातर लोग सो रहे थे। लेकिन पपरेंदा के पास आते ही पीछे से स्कॉर्पियो ने तेजी से टक्कर मार दी। कुछ पता ही नहीं चला। अनियंत्रित होकर स्कॉर्पियो व बोलेरो दोनों ही गाड़ियां सड़क किनारे खंती में पलट गईं। हमारे साथियों की मौके पर ही मौत हो गई।”
एक अन्य घायल का कहना है, “मैं और कुछ लोग बोलेरो में बैठे थे। कुछ बाराती स्कॉर्पियो में थे। रात करीब 3 बजे हम लोग राजापुर से निकले। अभी डेढ़ घंटा ही हुआ था। सभी लोग सो रहे थे। अचानक से चीखने चिल्लाने की आवाज आई। सभी की नींद खुल गई। मैंने पीछे देखा कि स्कॉर्पियो पीछे से टक्कर मारते हुए बोलेरो को घसीटती चली जाती है। थोड़ी ही देर बाद दोनों गाड़ियां अनियंत्रित होकर खंती में पलट गईं।”
“सुबह का समय था तो वहां पर कोई नजर नहीं आ रहा था। एक दो राहगीर थे, जिन्होंने हम लोगों को देखा तो निकालने की कोशिश की। इसी बीच पुलिस को भी सूचना दी गई। करीब एक घंटे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इधर, हमारे साथी गाड़ियों के नीचे दबे थे। किसी तरह से उन्हें पुलिस ने निकाला। तब पता चला कि चार लोगों की मौत हो गई। अभी कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”