सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों की रिहाई का मुद्दा लगातार गर्माता जा रहा है। चंडीगढ़-पंजाब बार्डर पर मोहाली गुरुद्वारा अंब साहिब के पास सैकड़ों सिख प्रदर्शनकारी बीते 7 जनवरी से कौमी इंसाफ मोर्चा के तहत धरना और रोष मार्च कर रहे हैं। चंडीगढ़ में एंट्री की कोशिश में इनका पुलिस से टकराव भी हो रहा है। वहीं अब भारतीय किसान (BKU) उगराहां का भी सहयोग प्रदर्शन इनको मिल चुका है।
बता दें कि पंजाब में उगराहां सबसे बड़ी किसान यूनियन है। बीते मंगलवार बठिंडा में किसान यूनियन सिख कैदियों की रिहाई का मुद्दा उठाया था। अब जिलों में 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन शुरू करने की बात की गई है। बता दें कि कुछ अन्य किसान यूनियंस पहले ही कौमी इंसाफ मोर्चा को समर्थन दे चुकी हैं।
सिंघू बॉर्डर की तर्ज पर चल रहा प्रदर्शन
जिस प्रकार YPS चौक के पास प्रदर्शनकारी ‘पक्का मोर्चा’ लगा जुटे हुए हैं उसे देखते हुए इसे सिंघू बॉडर्र की तर्ज पर आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदर्शनकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह पीछे नहीं हटेंगे। प्रदर्शनकारी यहां पर अपने टैंट, बर्तन, राशन, सिलेंडर, ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर डटे हुए हैं। ज्यादातर प्रदर्शनकारियों में मोहाली और इसके आसपास के गांवों के लोग हैं।
26 जनवरी को निकाल चुके रोष मार्च
कौमी इंसाफ मोर्चा ने बीते 26 जनवरी को मोहाली में रुट तैयार कर मांगों को लेकर रोष मार्च भी निकाला था। ऐसे में पुलिस भी अलर्ट हो गई थी।
यह है प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगे
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगों में सजा पूरी करने के बावजूद जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई, बेअदबी मामलों में इंसाफ और आरोपियों को जल्द सजा, गोलीकांड में इंसाफ प्रमुख हैं। इसके अलावा मांग की गई है कि बेअदबी की घटनाओं में बेहद सख्त कानून बनना चाहिए।