हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों पर बायोमीट्रिक अटेंडेंस को लेकर राज्य सरकार ने कड़े फरमान जारी किए हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने GAD (सामान्य प्रशासन विभाग) के माध्यम से मंगलवार देर शाम सभी विभागों, बोर्ड, निगमों को हर हाल में बायोमीट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य करने के लिए कह दिया है।
रजनीश पॉल बनाम स्टेट केस में हाईकोर्ट के ताजा आदेश के बाद सरकार ने बायोमीट्रिक अटेंडेंस के लिए प्रत्येक विभाग, बोर्ड व निगम में नोडल ऑफिसर तैनात करने के निर्देश दिए हैं। नोडल ऑफिसर अपने अधीन सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की बायोमीट्रिक अटेंडेंस के लिए जिम्मेदार होगा। राज्य में पहली बार बायोमीट्रिक अटेंडेंस की निगरानी के लिए नोडल ऑफिसर की तैनाती की जाएगी।
नोडल ऑफिसर को कार्रवाई के लिए किया अधिकृत
बायोमीट्रिक उपकरण की खरीद, गैर हाजिर रहने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई करना भी नोडल ऑफिसर की जिम्मेदारी होगी। GAD ने सभी विभागों के सचिव, HOD, सभी डिविज़नल कमिश्नर, DC, रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट, सभी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, बोर्ड निगमों के MD व सचिव को स्पष्ट किया है कि गुड गवर्नेंस के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी में किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।
अवहेलना करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई
बता दें कि नवंबर 2022 में भी हाईकोर्ट के निर्देशों पर कार्मिक विभाग ने बायोमीट्रिक अटेंडेंस के निर्देश दिए थे। तब हाईकोर्ट ने सरकार से कंप्लायंस रिपोर्ट मांगी थी। कंप्लायंस रिपोर्ट में सरकार ने कुछ सुुझाव कोर्ट में रखे। इसके बाद ताजा आदेश जारी करके बायोमीट्रिक अटेंडेंस को लेकर कुछ हिदायत दी गई हैं। अब कोई भी कर्मचारी बायोमीट्रिक हाजिरी से नहीं बच पाएगा।
अधिकारियों–कर्मचारियों की लेटलतीफी पर लगेगी रोक
सरकार के इन आदेशों के बाद ऑफिस पहुंचने में अधिकारियों और कर्मचारियों की लेटलतीफी पर रोक लगेगी। इन आदेशों के बाद अब कर्मचारी और अधिकारी समय से पहले अपनी सीट छोड़कर घर नहीं जा सकेंगे। इससे सरकारी कामकाज में भी गुणवत्ता आएगी और कर्मचारियों में भी वर्क कल्चर को बढ़ावा मिलेगा।
कोरोना काल में बंद की थी बायोमीट्रिक हाजिरी
प्रदेश में बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था पहले लागू है, मगर कोविड काल में वर्क फ्रॉम होम और बाद में कोरोना संक्रमण के संभावित खतरे को देखते हुए सरकार ने इसे बंद कर दिया था। कोविड का खतरा टलने के बाद इसे अनिवार्य कर दिया गया है।