मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड का अब दौर नहीं आएगा। मौसम वैज्ञानिकों ने संकेत दिए हैं कि फरवरी में दिन-रात का पारा बढ़ने लगेगा। इससे हल्की सर्दी ही रहेगा। यानी, सर्दी अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। हालांकि, हवाओं का रुख बदलने के लिए पारे में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को पारे में बढ़ोतरी होने लगेगी।
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि अब पारे में बढ़ोतरी का ट्रेंड रहेगा। मंगलवार को हवाओं का रुख उत्तर-पश्चिमी रहा था। इस कारण जरूर दिन का तापमान चार से पांच डिग्री तक लुढ़क गया, लेकिन बुधवार को तापमान गिरा है। कल तापमान में बढ़ोतरी होगी। दक्षिण-पूर्वी हवा चलने का असर मौसम पर साफ तौर पर देखने को मिलेगा।
दो दिन पारे में बढ़ोतरी, फिर थोड़ी गिरावट
मौसम विभाग के अनुसार, दो दिन के बाद पारा और बढ़ेगा। 15 फरवरी के आसपास ट्रेम्प्रेचर में थोड़ी गिरावट होगी। इसके बाद फिर से बढ़ोतरी होगी। दिन में चुभन वाली धूप रहेगी। वहीं, रात में हल्की सर्दी का असर रहेगा।
भोपाल में 4 डिग्री लुढ़क गया दिन का पारा
मंगलवार की बात करें तो दिन के तापमान में थोड़ी गिरावट हुई है। इसकी वजह हवाओं का रुख बदलना रहा था। नौगांव, सागर, जबलपुर, खजुराहो, भोपाल, धार, गुना, ग्वालियर, इंदौर, खंडवा, राजगढ़ में पारे में गिरावट हुई। भोपाल में 4 डिग्री तक पारा लुढ़क गया। रात में तापमान 10 डिग्री से ज्यादा ही है।
इसलिए वजह से मौसम हो रहा चेंज
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, फरवरी के आखिरी हफ्ते से मप्र में गर्मी दस्तक दे सकती है। मार्च के आखिरी हफ्ते से लू चलने के हालात बन जाएंगे। आमतौर पर मप्र में तेज गर्मी 15 मार्च से शुरू होती है जो 10 जून तक चलती है। इसके बाद प्री-मानसून गतिविधियां शुरू होती हैं। मार्च में सूर्य भूमध्य रेखा के करीब पहुंच जाता है, इससे दक्षिण भारत तपने लगता है। अप्रैल में सूर्य की स्थिति बदलने के बाद ही मप्र के दक्षिणी हिस्सों से तेज गर्मी की शुरुआत होती है, जो मई मध्य तक पूरे प्रदेश को कवर कर लेती है। जून के दूसरे पखवाड़े में सूर्य की स्थिति बदलने पर मौसम भी बदलने लगता है, लेकिन इस बार गर्मी का दौर लंबा चलने के संकेत हैं