केशव गुर्जर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने केशव गुर्जर को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसके भाई शीशराम गुर्जर को भी गिरफ्तार कर लिया है। शीशराम के साथ उसके एक साथी छोटू को पुलिस ने सोने का गुर्जा क्षेत्र में पीली कछार के पास से पकड़ा है। शीशराम गुर्जर पर एडीजे क्राइम ब्रांच की ओर से 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस ने दोनों के पास से 306 बोर और 315 बोर की बंदूक बरामद की है।
6 दिन से चल रहा था सर्च ऑपरेशन
पुलिस के अनुसार डांग क्षेत्र में पत्थरों के बने छोटे मकानों की सर्चिंग करने के साथ ही पुलिस ने शीशराम की तलाश में कई जगह पर दबिश दी। 30 जनवरी को मुठभेड़ में केशव गुर्जर को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने अगले ही दिन उसके भाई नरेश गुर्जर और साथी बंटी पंडित को गिरफ्तार किया था। केशव की पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में शामिल शीशराम 30 जनवरी को मौके से फरार हो गया था। जिसको लेकर शुक्रवार देर रात को एसपी धर्मेंद्र सिंह के साथ क्यूआरटी की टीम लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चला रही थी।
2018 में बयाना में हुई वारदात से सक्रिय था शीशराम
भरतपुर के बयाना थाना क्षेत्र में शीशराम ने अपने भाई की गैंग में शामिल होकर पहली वारदात को अंजाम दिया। 7 मई 2018 को शीशराम अपने 7-8 साथियों के साथ बयाना से आधी रात को गाजीपुर में दुर्गा स्टोन क्रेशर पर पहुंचा और 3 कर्मचारियों से मारपीट कर उनके मोबाइल और 5 हजार रुपए की नकदी छीन ली और फरार हो गया।
सरपंच के चुनाव को लेकर की थी मारपीट
11 नवंबर 2019 को बसई डांग के सुख सिंह का पुरा गांव में मोहर सिंह को सरपंच का चुनाव लड़ाने के लिए शीशराम और उसके साथियों ने लक्ष्मण सिंह नाम के युवक की बंदूक के बट से जानलेवा हमला कर दिया। जिसके बाद शीशराम ने लक्ष्मण सिंह के चुनाव लड़ने पर उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी और फरार हो गया।
मुखबिरी के शक में की मारपीट
16 जुलाई 2020 को तीसरी वारदात को अंजाम देते हुए शीशराम गुर्जर ने टपुआ सायपुर गांव के रहने वाले रामस्वरूप पर पुलिस की मुखबिरी करने का शक जताया था। मुखबिरी के शक के चलते बकरी चला कर लौट रहे रामस्वरूप के साथ बंदूक के बट से बेरहमी से मारपीट कर दी। जिसका मामला बसई डांग थाने में दर्ज हुआ था।
पहली बार हुई पुलिस से मुठभेड़
26 अक्टूबर 2020 को शीशराम गुर्जर और उसके भाई केशव गुर्जर की पहली बार पुलिस से मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ से पहले तत्कालीन बाड़ी सदर थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह राजावत को सूचना मिली थी कि मनाखुरी की खिरकारी की झोपड़ियों में शीशराम अपने भाई केशव और गिरोह के अन्य लोगों के साथ छिपा है। जिस सूचना पर सुबह साढ़े 5 बजे पुलिस ने जैसे ही छापा मारा तो डकैतों की गिरोह ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जिसमें एक गोली कॉन्स्टेबल अवधेश के पेट में लग गई। कॉन्स्टेबल के गोली लगने के दौरान डकैत गिरोह मौके से भाग गया। जिसके बाद पुलिस ने सर्चिंग में रेख सिंह और रंजीत नाम के 2 लोगों को मौके से हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया, जबकि डकैत शीशराम और केशव को खाद्य सामग्री देने गई एक महिला भी पुलिस की पकड़ में आ गई।
2 महीने बाद फिर से हुई पुलिस से मुठभेड़, लगी गोली
पहली मुठभेड़ में फरार हो जाने के बाद 2 महीने बाद 28 दिसंबर 2020 को पगुली जीएसएस पर चल रहे सरकारी निर्माण कार्य को रोकने के लिए शीशराम गुर्जर अपने भाई केशव और देवेंद्र के साथ रंगदारी मांगने पहुंच गया, जहां पहले से मौजूद पुलिस से उसकी मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में गोली लगने से शीशराम और उसका भाई घायल हो गया। इस दौरान अंधेरे का फायदा उठाते हुए तीनों डकैत भाग निकले। जिसके बाद शीशराम की तीसरी मुठभेड़ पीली कछार में 21 मार्च 2022 को पुलिस के साथ हुई थी, जहां से शीशराम फरार हो गया था।
बाड़ी विधायक की हत्या की रची थी साजिश
पुलिस को साइबर से इनपुट मिले थे कि डकैत शीशराम ने अपने छोटे भाई गब्बर से फोन पर बात की है। जिस बातचीत में डांग में अपना खौफ जमाने के लिए शीशराम 26 जनवरी 2021 के बाद 5 से 6 वारदातों को अंजाम देने वाला था। तत्कालीन एसपी केसर सिंह शेखावत के समय में पुलिस ने डांग में अपना दबदबा बनाया था। जिसके लिए शीशराम और उसके भाई बाड़ी विधायक को जिम्मेदार मान रहे थे। फोन पर हुई बातचीत में डकैत शीशराम ने पुलिस के दबाव के लिए बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को जिम्मेदार मानते हुए उनकी हत्या की साजिश रची थी। जिसके बाद साइबर से मिले इनपुट के बाद 21 जनवरी को सभी की बैठक प्यारे का पूरा गांव में होनी थी, जहां पुलिस ने दबिश देकर केशव के भाई गब्बर और उसके 3 साथियों को गिरफ्तार किया था।
रंगदारी नहीं देने पर ईंट भट्टा संचालकों से की थी मारपीट
सैंपऊ क्षेत्र में ईंट भट्टा संचालकों द्वारा रंगदारी नहीं देने के बाद शीशराम और बंटी पंडित ने दो अलग-अलग ईंट भट्टों पर पहुंचकर मजदूरों की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। जिसको लेकर थाने में 2 अलग-अलग मामले दर्ज हुए।
सरपंच से मांगी थी रंगदारी
पिछले साल 1 अगस्त को डकैत शीशराम नादनपुर थाना क्षेत्र के धौर्य गांव पहुंचा, जहां उसने राजीव गांधी सेवा केंद्र के निर्माण कार्य को रुकवाकर सरपंच से 3 लाख की रंगदारी मांगी थी। जिसको लेकर सरपंच संतोष सिंह ने थाने में मामला दर्ज कराया था।
राजस्थान के टॉप-10 बदमाशों की सूची में शामिल है केशव गुर्जर
राजस्थान के टॉप-10 बदमाशों की सूची में शामिल केशव गुर्जर की तलाश के लिए पिछले 6 महीने से एसपी बीहड़ों में लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे थे। पिछले दो मुठभेड़ में पुलिस के हाथों से बचकर निकल जाने के बाद नई रणनीति बनाते हुए एसपी ने इस बार चारों तरफ से घेराबंदी करके डकैत को दबोच लिया।
6 महीने में 5 बार मुठभेड़
धौलपुर में एसपी धर्मेंद्र सिंह की नियुक्ति होने के बाद से 6 महीने में पुलिस की केशव के साथ 5 बार मुठभेड़ हो चुकी हैं। नवंबर के पहले सप्ताह में चन्द्रपुरा के बीहड़ में हुई मुठभेड़ में दोनों तरफ से 190 राउंड फायरिंग हुई थी। सोमवार को मुठभेड़ के दौरान 90 से अधिक पुलिसकर्मी घटनास्थल पर मौजूद थे। पहले की तरह इस बार मुठभेड़ में सिर्फ बाड़ी सर्किल की टीम को ही साथ लिया गया था। हालांकि सर्च ऑपरेशन में बाड़ी सदर, बाड़ी कोतवाली सोने का गुर्जा, बाडी सीओ और कोबरा टीम शामिल थी।