अमेरिका के मोंटाना शहर में चीन का संदिग्ध जासूसी बैलून देखा गया है। मोंटाना में अमेरिकी एयरफोर्स का स्पेशल बेस है, जहां से इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल ऑपरेट की जाती है। पूरे अमेरिका में ऐसे तीन ही एयरबेस हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने कहा- चीन का जासूसी बैलून नॉर्थ वेस्टर्न सिटी मोंटाना में देखा गया है। पेंटागन ने दावा किया है कि इसे अमेरिका में निगरानी के लिए भेजा गया है।
अधिकारियों ने ये नहीं बताया कि बैलून कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि बैलून सिविलियन एयर ट्रैफिक के ऊपर और आउटर स्पेस के नीचे उड़ रहा था। खास बात यह है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की चीन यात्रा से एक दिन पहले यह बैलून देखा गया है। ब्लिंकन 5 और 6 फरवरी को चीन का दौरा करेंगे।
चीन ने मोबाइल टॉवर पर डिवाइस लगाकर जासूसी की
चीन ने मोबाइल टॉवर्स पर हुवावे के जासूसी डिवाइस लगाने की साजिश रची थी। इनसे मिडवेस्ट के सैन्य ठिकानों की जासूसी की जा सकती थी। ये डिवाइस ओबामा के दौर में लगने शुरू हो गए थे।
चीन ने अमेरिका के ग्रामीण इलाकों को टारगेट बनाते हुए वहां अपने डिवाइस लगाए थे। जैसे ही चीन इन्हें सैन्य ठिकानों की ओर बढ़ाने लगा, खुफिया एजेंसियों की इस पर नजर गई। उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई की। अमेरिकी संसद ने ग्रामीण इलाकों से उपकरण हटाने के लिए 2020 में 15 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए थे।
कनाडा से होते हुए अमेरिका आया बैलून
पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि बैलून पिछले कुछ दिन पहले चीन से अलास्का के पास अलेउतियन आईलैंड आया था। यहां से नॉर्थ वेस्ट कनाडा होते हुए ये मोंटाना शहर पहुंचा।
बैलून से मिलिट्री या फिजिकल खतरा नहीं
डिफेंस मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि ये बैलून ज्यादा समय तक देश में रह सकता है। हालांकि, इससे किसी तरह का मिलिट्री या फिजिकल खतरा नहीं है। इसका एक्सेस भी लिमिटिड है, तो इससे खुफिया जानकारी भी इकट्ठा नहीं की जा सकेगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पेंटागन को नहीं लगता कि चीन सैटेलाइट इमेजरी के जरिए जो कुछ हासिल कर सकता है, उसकी तुलना में इस बैलून से उसे कुछ भी हासिल होगा।
अमेरिका ने फिलहाल बैलून को तबाह नहीं किया है
पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा- बैलून सिविलियन एयर ट्रैफिक के ऊपर है इसलिए फिलहाल हमने बैलून को तबाह करने या इसे नीचे गिराने का फैसला नहीं लिया है। ऐसा करने से लोगों को नुकसान पहुंच सकता है।
चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं US विदेश मंत्री
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री ब्लिंकन की विजिट के पहले इस खबर को पब्लिक किया गया है। अमेरिका के इस कदम को चीन को दी गई चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। ये 6 साल में पहली बार जब कोई अमेरिकी विदेश मंत्री चीन के दौरे पर जा रहा है। ब्लिंकन इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात कर सकते हैं।
पगोडा से जासूसी करना चाहता था चीन
ये पहली बार नहीं है जब चीन ने अमेरिका की जासूसी करनी चाही हो। इसके पहले चीन व्हाइट हाउस के पास एक बगीचा विकसित कर उसमें पगोडा (मठ या गुंबद) बनाकर जासूसी करना चाह रहा था। ये पगोडा व्हाइट हाउस समेत अन्य सरकारी भवनों से 8 किलोमीटर दूर था। इसकी ऊंचाई की वजह से दूर तक नजर रखना चाहता था। हालांकि, अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने वक्त रहते उसे रोक दिया था।