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2 घंटे में 5 मंजिला बिल्डिंग जमींदोज, सड़क पर कब्जा करके बनाए थे कमरे

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सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शामिल भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका के जयपुर स्थित अधिगम कोचिंग इंस्टीट्यूट पर आज जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने एक्शन लिया है। जेडीए ने कोचिंग की बिल्डिंग पर बुलडोजर चलाया, और करीब सवा दो घंटे में पूरी 5 मंजिला बिल्डिंग को धराशायी कर दिया। दरअसल, यह इंस्टीट्यूट कॉर्नर के प्लॉट पर है और सर्विस रोड की जगह पर कब्जा करके बनाया गया है। इसके तीन कमरे और अन्य निर्माण को आज जेडीए ने जेसीबी और पोकलेन मशीनों से तोड़ दिया।

सवा 2 घंटे में धाराशाई हुई बिल्डिंग
जयपुर जेडीए ने इस 5 मंजिला बिल्डिंग को सवा दो घंटे में जमींदोज कर दिया। सुबह करीब 7:30 बजे टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान टीम के साथ 1 पोकलेन मशीन, 3 जेसीबी मशीन, 12 लोखंडा, 3 ड्रिल और 2 कटर मशीन के साथ 30 से ज्यादा लेबर थी। जिन्होंने सवा दो घंटे के अंदर पूरी बिल्डिंग को धराशाई कर दिया।

सबसे पहले सर्विस रोड पर अवैध कब्जा करके बनाए गए निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई थी। जेडीए के एन्फोर्समेंट विंग के चीफ रघुवीर सैनी ने बताया- हमने टेक्निकल टीम से तीन दिन पहले बिल्डिंग की जांच करवाई थी। इसमें पाया गया था कि बिल्डिंग जेडीए से बिना अनुमति और बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करके बनाई गई है। ये इमारत दो आवासीय प्लॉट को जोड़कर बनाई गई है, जबकि इसका कॉमर्शियल उपयोग हो रहा है।

उन्होंने बताया कि पूरी जांच के बाद हमने बिल्डिंग मालिक अनिल अग्रवाल और कोचिंग संचालक भूपेन्द्र सारण, सुरेश ढाका, धर्मेंद्र चौधरी सहित को नोटिस जारी करके 8 जनवरी तक जवाब पेश करने का समय दिया था। इसी के चलते आज हमने कार्रवाई शुरू की है।

गुर्जर की थड़ी चौराहे के पास कोचिंग की बिल्डिंग पर कार्रवाई करती जेडीए की टीम।
गुर्जर की थड़ी चौराहे के पास कोचिंग की बिल्डिंग पर कार्रवाई करती जेडीए की टीम।

जेडीए की टेक्नीकल टीम की जांच में सामने आया था कि बिल्डिंग को दो रेसिडेंसियल प्लॉट जोड़कर करीब 500 वर्गगज क्षेत्रफल में बनाया गया। इस निर्माण के दौरान एक भूखंड पर 8 फीट, जबकि दूसरे पर 10 फीट पर जीरो सेटबैक में कवर करके निर्माण किया गया। जो बिल्डिंग नियमों के मुताबिक अवैध है।

इसके अलावा बिना अनुमति के बेसमेंट के साथ 5 मंजिला अवैध व्यावसायिक बिल्डिंग का निर्माण कर लिया गया। इस बिल्डिंग के बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर कॉमर्शियल गतिविधियां चलती थीं, जबकि पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर अधिगम की कोचिंग चलती थी। पांचवी मंजिल पर एक अवैध पेंट हाउस का निर्माण भी किया गया है। इसके अलावा कॉर्नर प्लॉट होने के कारण सड़क के किनारे जो जमीन सरेंडर करनी थी, उस जमीन पर भी कब्जा करके निर्माण किया गया है।

मौके पर बड़ी मात्रा में पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया।
मौके पर बड़ी मात्रा में पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया।

पहले भी जेडीए कर चुका है बड़ी कार्रवाई
पिछले साल रीट भर्ती पेपर लीक मामले में लिप्त रहे रामकृपाल मीणा की स्कूल की चार मंजिला बिल्डिंग को भी जेडीए ने तोड़ा था। उस समय जेडीए ने जयपुर के गोपालपुरा स्थित जगन्नाथपुरी कॉलोनी में बने एसएस कॉलेज और एसएस पब्लिक स्कूल की 4 मंजिला बिल्डिंग को धाराशायी कर दिया था। ये बिल्डिंग रामकृपाल की थी और सरकारी जमीन पर बनी थी। उस समय भी जेडीए ने पहले अपने स्तर पर जमीन और बिल्डिंग की जांच करवाई थी और उसके बाद नोटिस जारी करके बिल्डिंग को दो दिन के अंदर जमींदोज कर दिया था।

भूपेन्द्र सारण और सुरेश ढाका दोनों ही पेपर लीक करने के आरोपी हैं।

कौन है भूपेंद्र सारण?
भूपेंद्र सारण साल 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर आउट प्रकरण और वर्ष 2022 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में भी शामिल था। वह जेल भी जा चुका है। पुलिस जयपुर से भूपेंद्र सारण की गर्लफ्रेंड और पत्नी को गिरफ्तार कर चुकी है।

कौन है सुरेश ढाका?
सुरेश ढाका सांचौर से 20 किलोमीटर दूर स्थित अचलपुर गांव का रहने वाला है। इसके पिता मांगीलाल अभी सरपंच हैं। पहले जेल भी जा चुका है। पहली बार मनी लॉड्रिंग और दूसरी बार पेपर लीक में जेल गया था। जयपुर में गुर्जर की थड़ी पर कोचिंग चलाता है। चौंकाने वाली बात ये है कि सुरेश ढाका कई मंत्रियों के ट्‌विटर हैंडल और फेसबुक पेज हैंडल करता है। इसके अलावा उसके खुद के भी सभी सोशल मीडिया अकाउंट वेरिफाइड हैं। अभी फरार है। सुरेश ढाका ने ही अपने साले सुरेश बिश्नोई और भूपेंद्र को जयपुर से पेपर उपलब्ध करवाया था।

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