आउटसोर्स कर्मी, मीटर रीडर सहित को विद्युत मंडल की कंपनियों में संविलियन कर उनके लिए मानव संसाधन नीति बनाने सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर विद्युत कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं। लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्युत कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अब एकजुट होकर आंदोलन करने ऐलान किया है। कर्मचारियों के द्वारा आज नियमित कर्मी, संविदा कर्मी, ठेका कर्मी अपने-अपने डीसी कार्यालय, अभियंता कार्यालय के समक्ष एक होकर रैली निकालेंगे। वहीं 52 जिलों की जेलों में अनिश्चितकालीन जेल भरो आंदोलन करेंगे।
मप्र विमं तकनीकी कर्म संघ द्वारा चलाए में 4 विद्युत कंपनियों के अन्य संगठन जिनमें मप्र बाह्य स्त्रोत कर्मचारी संगठन के शिव राजपूत, मप्र विद्युत अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अरूण ठाकुर, मप्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष मनोज भार्गव, मप्र यूनाईटेड फॉर एम्पलाइज इंजीनियरर्स के प्रांतीय संयोजक वीकेएस परिहार सहित अन्य विद्युत कर्मचारी नेताओं के ऐलान के अनुसार अतिआवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी विद्युत अधिकारी, कर्मचारी अपनी मुख्य 3 मांगों को लेकर आज एक दिन का जेल भरो आंदोलन और 7 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना हर जिले के अधीक्षण अभियंता के समक्ष पंडाल लगाकर करेंगे।
संगठन के नेताओं ने बताया विमं तकनीकी कर्मचारी संघ द्वारा तीन सूत्रीय मांगों को लेकर 2 अक्टूबर 2022 से ज्ञापन प्रदर्शन शुरू किया था। बाद में विद्युत विभाग के 4 संगठनों के साथ संघ द्वारा नोटिस व ज्ञापन 94 दिनों से विभिन्न चरणों के माध्यम से सरकार तक अपनी 3 मांगे पहुंचाई गई। परन्तु आज तक मप्र शासन द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।