बिहार स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (BSSC) के तीसरे पाली का क्वेश्चन पेपर लीक हुआ था। वो भी परीक्षा खत्म होने से महज 1 मिनट पहले। इस बात के सबूत आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में मिले हैं। जिसके बाद EOU की टीम ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की।
सूत्रों के अनुसार इस मामले में दो लोगों को EOU की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है। पकड़े जाने के बाद इन्हें पटना लाया गया है। अब इनसे पूछताछ होगी। क्योंकि, तीसरे चरण की परीक्षा का क्वेश्चन पेपर लीक होने के मामले में कई सवाल हैं, जिसका जवाब जांच एजेंसी जानना चाहती है। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि तीसरे पाली का क्वेश्चन पेपर पटना में दानापुर स्थित BS कॉलेज से लीक हुआ है।
कोडिंग से चला पता
सही तरीके से परीक्षा कराने के लिए इस बार BSSC ने क्वेश्चन पेपर पर एक अलग तरह की कोडिंग की थी। इस बात को परीक्षा देने वाला कैंडिडेट सही तरीके से भांप नहीं पाया। तीसरे पाली की परीक्षा 24 दिसंबर को सुबह 10:15 में शुरू हुई थी और दोपहर 12:15 बजे खत्म होने वाली थी। मगर, BS कॉलेज में परीक्षा दे रहे एक कैंडिडेट ने उस दिन 12:14 मिनट पर ही क्वेश्चन पेपर का फोटो खींच कर अपने एक दोस्त को भेज दिया था। सूत्रों के अनुसार समय नहीं था, इस कारण सवाल का जवाब दोस्त ने वापस कैंडिडेट को भेजा ही नहीं। लेकिन, उसी दिन शाम 4 बजे वही क्वेश्चन पर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया था। वायरल पेपर के कोडिंग की जांच करने के बाद ही सेंटर, क्लास रूम और फिर कैंडिडेट का पता चल गया।
BSSC दर्ज कराएगी दूसरी FIR
सूत्रों के अनुसार एक बड़ी जानकारी सामने आई है। तीसरे पाली के क्वेश्चन पेपर को लीक किए जाने के मामले में BSSC अलग से एक कंप्लेन EOU को देगी। जिसके आधार पर पेपर लीक मामले में दूसरी FIR दर्ज होगी। इस मामले में जिन लोगों को पूछताछ के लिए EOU ने अपने कब्जे में लिया है, अभी उनकी पहचान को उजागर नहीं किया गया है। गुरुवार की शाम तक इस मामले आधिकारिक तौर पर बयान जारी किए जाने की संभावना है। BSSC की पहली और दूसरी पाली की परीक्षा 23 दिसंबर को हुई थी। इसमें पहली पाली का क्वेश्चन पेपर मोतिहारी में शांति निकेतन जुबली स्कूल से लीक हुआ था। जिसमें कैंडिडेट और सॉल्वर्स को EOU की टीम ने पटना और सुपौल में छापेमारी कर गिरफ्तार किया था।