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500 फीट की ऊंचाई से कैमरे में किया कैद, टूरिस्ट बोले- यह कल्पना से परे

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जैसलमेर की धरती सोने सी है। यहां फैले रेगिस्तान को कैमल राइड से सैलानियों को काफिलों का एहसास सम के धोरों पर करवाया जाता है। अब गोल्डन सिटी जैसलमेर में पर्यटन विभाग और जैसलमेर प्रशासन की हाल ही शुरू हुई हेलिकॉप्टर जॉयराइड के द्वारा आसमान से रेगिस्तान को निहार सकते हैं। पांच मिनट की हेलिकॉप्टर जॉयराइड से आप अचंभित हुए बिना नहीं रहेंगे। 500 से एक हजार फीट की ऊंचाई पर सम के रेतीले टीले और उसमें बने 150 से भी ज्यादा रिसोर्ट एक अलग ही दुनिया का एहसास कराते हैं। इस वंडरफुल एक्सपीरिएंस को जो एक बार फील कर लेता है वह इसे भुला नहीं पाता। इस हेलिकॉप्टर राइड का आनंद बहुत से सैलानी ले रहे हैं।

आसमान से नजर आता रेगिस्तान और उस पर टहलते ऊंट।
आसमान से नजर आता रेगिस्तान और उस पर टहलते ऊंट।

42 करोड़ का है बेल 407 हेलिकॉप्टर

आसमान से जैसलमेर की खूबसूरती दिखाने के लिए बेल 407 हेलिकॉप्टर लाया गया है। सम के मखमली रेतीले टीलों पर हेलिकॉप्टर की उड़ान को आरटीडीसी प्रमोट कर रही है। ए-वन हेलिकॉप्टर के सीईओ सोहन सिंह नाथावत ने बताया कि यह लग्जरी हेलिकॉप्टर 42 करोड़ रुपए का है। इस हेलिकॉप्टर में 7 सीट हैं। एक सीट पाइलट के लिए और बाकी 6 सीट यात्रियों के लिए। आरामदायक सीटों पर बैठकर इंसान लग्जरी सवारी का आसमान की ऊंचाइयों पर मजा ले सकता है।

बेल 407 हेलिकॉप्टर के साथ ए-वन हेलिकॉप्टर के सीईओ सोहन सिंह नाथावत।
बेल 407 हेलिकॉप्टर के साथ ए-वन हेलिकॉप्टर के सीईओ सोहन सिंह नाथावत।
सम गांव की पार्किंग में बनाया टिकट काउंटर।
सम गांव की पार्किंग में बनाया टिकट काउंटर।

15 लोगों का स्टाफ करवाता है राइड

नाथावत ने बताया कि लंबी परमिशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद उनको ये चांस मिला। हालांकि बहुत देर हो गई है और सैलानी भी अब धीरे-धीरे कम हो जाएंगे। लेकिन हम हमारा प्रयास लगातार कर रहे हैं। हेलिकॉप्टर जॉयराइड के लिए उनका 15 लोगों का स्टाफ इसमें अभी काम कर रहा है जिसमें ग्राउंड, सेल्स, इंजीनियरिंग सब शामिल है।

हेलिकोप्टर से नजर आते रिसोर्ट
हेलिकोप्टर से नजर आते रिसोर्ट

500 से 1 हजार फीट पर ले जाता है हेलिकॉप्टर

नाथावत ने बताया कि टूरिस्ट सात हजार रुपए चुका कर 5 मिनट की हेलिकॉप्टर जॉयराइड कर सकेंगे। इस राइड में पायलट हेलिकॉप्टर को 500 से एक हजार फीट की ऊंचाई पर लेकर जाता है। हेलीकाप्टर में 6 पैसेंजर और एक पायलट बैठ सकते हैं। पैसेंजर को सम के रेतीले टीलों की आसमान से सैर के साथ वहां बने रिसोर्ट के ऊपर से भी राइड करवाई जाती है। इस तरह से सैलानी को आसमान से एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। राइड के दौरान सैलानियों डा. शांति व पूना के ओमप्रकाश का कहना है कि वे इस अमेजिंग राइड की केवल कल्पना ही कर सकते थे। आसमान में पास से ही जिस तरह से सोने के टीले और रिसोर्ट दिखाई देते हैं वह अपने आप में कभी नहीं भुलाया जाने वाला सीन है।

शानदार सजे रिसोर्ट का आसमान से नजारा।
शानदार सजे रिसोर्ट का आसमान से नजारा।

एक दिन में 40 राइड का लक्ष्य

नाथावत ने बताया कि हेलिकॉप्टर जॉयराइड के लिए प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा 40 उड़ानों का लक्ष्य होता है। जिसके जरिए से करीब 200 पर्यटकों को जॉयराइड की सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। सैलानियों को 5 मिनट से लेकर 15 मिनट तक उड़ान भरने की सुविधा मिलेगी यानी कि आप इतनी देर आसमान से जैसलमेर की सुंदरता को निहार सकते हैं। फिलहाल इस राइड की सैलानियों को जानकारी कम ही है लेकिन जो भी आ रहा है वो राइड की कोशिश जरूर कर रहा है। फिलहाल 18 से 20 राइड अभी हो रही हैं।

हेलिकॉप्टर राइड के लिए टिकट काउंटर पर टिकट लेते सैलानी।
हेलिकॉप्टर राइड के लिए टिकट काउंटर पर टिकट लेते सैलानी।

सम में आते हैं लाखों टूरिस्ट

नाथावत ने बताया कि जैसलमेर का सम डेजर्ट एरिया सैलानियों की पहली पसंद है। रेत के टीलों को देखने देसी-विदेशी सैलानी लाखों की संख्या में जैसलमेर आते हैं। ऐसे में रेत के टीलों को आसमान से निहारने के लिए हमने इसका प्लान बनाया है। राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरटीडीसी के सहयोग से हेलिकॉप्टर जॉयराइड की पहल जैसलमेर से की जा रही है। इस नवाचार से पर्यटकों को जैसलमेर की खूबसूरती को आसमान से निहारने का मौका मिल सकेगा। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे।

रेगिस्तान की पीली मिट्टी सोने से चमकती आती है नजर।
रेगिस्तान की पीली मिट्टी सोने से चमकती आती है नजर।

ट्रायल पर जॉयराइड फिर राजस्थान में बनाएंगे पर्यटन सर्किट

ये कदम टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम की देखरेख में एवन कम्पनी के माध्यम से ट्रायल के तौर पर इस सेवा की शुरुआत की गई है। सोहन सिंह ने बताया कि इसकी सफलता के बाद राजस्थान के अन्य पर्यटन स्थलों को जोड़ते हुए हवाई मार्ग द्वारा पर्यटन सर्किट बनाने की योजना है। उन्होंने कहा कि इस पर्यटन सर्किट में धार्मिक, वाइल्ड लाइफ एवं हैरिटेज सर्किट बनाए जाएंगे जिससे देसी-विदेशी पर्यटकों को कम समय में अधिक पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने की सुविधा मिलेगी।

हेलिकोप्टर जॉयराइड का आनंद लेते आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठोड़ और उनका परिवार।
हेलिकोप्टर जॉयराइड का आनंद लेते आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठोड़ और उनका परिवार।

1 लाख का खर्च हर रोज

सीईओ सोहनराम ने बताया कि जयपुर से जैसलमेर हेलिकॉप्टर लेकर आना और जैसलमेर में पर्यटन सीजन के समय 15 के स्टाफ और पायलट के साथ सरवाइव करना बहुत महंगा हो रहा है। उन्होंने बताया कि जैसलमेर में वे राइड के 7 हजार रुपए प्रति व्यक्ति ले रहे हैं। ऐसे में वे केवल सेवाएं ही दे रहे हैं सैलानियों को। हेलिकॉप्टर की मेंटेनेंस के साथ साथ स्टाफ, पायलट और इंजीनियर का खर्च भी बहुत ज्यादा हो जाता है। एक लाख रुपए हर दिन खर्च हो रहे हैं मगर उसके लिहाज से राइड नहीं मिल रही है। 175 लीटर पेट्रोल 1 घंटे में खर्च हो जाता है। इस खर्चे में 7 हजार रुपए प्रति व्यक्ति राइड उनको बहुत सस्ती लग रही है पर पहली बार शुरुआत की है इसलिए चला रहे हैं।

सम गांव में सबके आकर्षण का केंद्र बना बेल 407 हेलिकॉप्टर।
सम गांव में सबके आकर्षण का केंद्र बना बेल 407 हेलिकॉप्टर।

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