पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर में हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं। पाक सरकार चीन से दोस्ती निभाने के चक्कर में अपने ही नागरिकों की आवाज नहीं सुन रही है। ग्वादर में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। एक पुलिसकर्मी की मौत के बाद धारा 144 लगा दी गई है। इंटरनेट भी बंद कर दिया है। बावजूद हक दो तहरीक (HDT) का चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के खिलाफ विरोध जारी है।
चीन के लिए भी यह प्रदर्शन परेशानी का सबब बना हुआ है। चीनी दूत ली बिजान ने माना कि ये चिंता का कारण है। चीन HDT के अध्यक्ष रहमान समेत अन्य स्थानीय नेताओं से बात कर रहा है, लेकिन प्रदर्शनकारी ग्वादर ईस्ट बे एक्सप्रेस वे और निर्माणाधीन न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को निशाना बना रहे हैं। लिहाजा, बातचीत का रास्ता भी बंद होता जा रहा है।
100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार, इनमें महिलाएं भी
ग्वादर, पासनी, तुरबत और मकरान समेत कई इलाकों में बीते पांच दिन में 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें महिलाएं भी हैं। अन्य 35 लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।
नेता बोले- ये हमारे अधिकारों का युद्ध है, विरोध जारी रहेगा
गांव HDT के अध्यक्ष और विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मौलाना रहमान ने दैनिक भास्कर से कहा कि यह ग्वादर के लोगों के अधिकारों के लिए युद्ध है। हम चीनी नागरिकों या देश के विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन चीनी हित से लोगों का जीवन प्रभावित होगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध जारी रहेगा।
मछली तस्करी को रोकने और सुरक्षा चौकियां घटाने की मांग
आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सुरक्षा चौकियों की संख्या घटाई जाए। समुद्र से चीनी ट्रालिंग द्वारा की जा रही मछली तस्करी को रोका जाए, क्योंकि इससे उनकी आजीविका पर असर पड़ता है। साथ ही ईरान से व्यापार करने के नियमों में भी आंदोलनकारी ढील की मांग कर रहे हैं।