बिहार में कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू हो गया है। शुक्रवार की सुबह से पटना समेत बिहार के कई हिस्सों में कोहरा छाया। भागलपुर का सबौर गुरुवार को सबसे ठंडा रहा जहां का न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं, बुधवार के दिन राजधानी पटना सीजन का अब तक सबसे ठंडा दिन और गया में सबसे सर्द रात रही।
मौसम विभाग के अनुसार, अभी ठंड और बढ़ेगी। मौसम शुष्क होने के साथ ही हवाओं में नमी की जगह ठंड है। इस दौरान पछुआ हवाएं सतह से डेढ़ किलोमीटर ऊपर तक 9 से 17 KM प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही है।
इससे बिहार के सभी हिस्से में तापमान में गिरावट दर्ज की गई। जो सामान्य से तीन से सात डिग्री तक रहा। मौसम विभाग के अनुसार, ठंड में और वृद्धि होगी।
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो लगातार पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी की वजह से उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में ठंड में बेतहाशा वृद्धि हुई है। साथ ही मौसम शुष्क होने के साथ हवाओं में नमी की वजह से भी ठंड में वृद्धि हुई है।
सबौर का तामपान 5.4 डिग्री सेल्सियस रहा
दरअसल, बिहार के जिलों में दिनों दिन तापमान गिर रहा है। राजधानी पटना में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि भागलपुर का सबौर जिला सबसे ठंडा रहा, यहां का न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गया का तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस, बांका 6.5 डिग्री सेल्सियस, खगड़िया 7.8 डिग्री सेल्सियस, औरंगाबाद 8.3 डिग्री सेल्सियस, बेगूसराय का तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस, पूर्णिया में 8.7, पश्चिमी चंपारण में 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
राज्य के छह शहरों का एक्यूआई लेवल 400 के पार
तापमान घटने और धुंध, धूलकण के कारण एकबार फिर हवा में प्रदूषण की मात्रा में काफी वृद्धि हुई है। गुरुवार को बेगूसराय, भागलपुर, छपरा, कटिहार सहित छह शहरों की हवा स्वास्थ्य के लिए जहरीली हो गई है। पटना का भी एक्यूआई लेवल 382 पर पहुंच गया। राजाबाजार और गांधी मैदान इलाके की हालत सबसे खराब है।
राजाबाजार का एक्यूआई लेवल 445 और गांधी मैदान इलाके का 402 रिकॉर्ड किया गया है। इन इलाकों में पीएम 2.5 और पीएम 10 मानक से 10 गुणा से अधिक बढ़ा हुआ है। इतना ही नहीं बिहार के 15 शहरों का एक्यूआई लेवल 300-400 के बीच है। जनरल फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि शहर के अस्पतालों में सांस से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पीड़ितों में बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं की संख्या अधिक है।