रूस के साथ युद्ध के चलते पश्चिमी देशों में हीरो बने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की अमेरिका यात्रा कड़ी सुरक्षा के साये में हुई है। रूस से युद्ध के बाद जेलेंस्की की यह पहली विदेश यात्रा थी। अमेरिका ने उनकी इस यात्रा काे बेहद अहम मानते हुए सुरक्षा प्रदान की।
जेलेंस्की की यात्रा के कार्यक्रम काे लेकर भी गोपनीयता बरती गई। 11 दिसंबर काे दोनों राष्ट्रपतियों के बीच बात हुई। तीन दिन बाद उनको न्योता मिल गया। बुधवार सुबह यात्रा की पुष्टि होते ही पूरे कार्यक्रम काे गोपनीय ढंग से बनाया गया।
मिसाइलों का खतरा था, इसलिए ट्रेन से यात्रा की
यूक्रेन के आसमान पर रूसी मिसाइलों के खतरे काे देखते हुए उनकी वॉशिंगटन की इस यात्रा की शुरुआत ट्रेन से हुई। गोपनीय तरीके से वे रातभर ट्रेन में यात्रा कर पोलैंड तक पहुंचे। बुधवार काे पोलैंड के सीमावर्ती कस्बे के रेलवे स्टेशन पर नजर आए। यहां कारों का काफिला उनका इंतजार कर रहा था। जेलेंस्की और उनकी टीम कारों में बैठकर रवाना हुई।
जासूसी और लड़ाकू विमान के जरिए पहुंचे अमेरिका
इसके बाद फ्लाइट डेटा दिखाता है कि इस स्थान से 80 किमी दूर से अमेरिकी वायु सेना के बोइंग सी-40 बी ने उड़ान भरी। इसके नॉर्थ सी में पहुंचने से पहले पूरे इलाके का नाटो के जासूसी विमान ने स्कैन किया। इस समुद्र में रूसी सबमरीन गश्त करती रहती हैं। इंग्लैंड के एक बेस से अमेरिकी एफ-15 लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी और यह वॉशिंगटन तक जेलेंस्की के विमान के साथ रहा।
उड़ान भरने के करीब 10 घंटे बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति दोपहर में वॉशिंगटन में उतर चुके थे, जहां उन्हें दूसरे राष्ट्र प्रमुखों की तरह सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा दी गई। दाे दिन की यात्रा के बाद वे इसी तरह वापस लाैटे।
रूस के एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर में लगी आग
रूस के एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर एडमिरल कुजनेत्सोव में आग लग गई। 20 लाेगाें काे बचाया गया। यह विमानवाहक पोत लंबे समय तक मरम्मत के बाद अब कुछ दिनाें में ही नौसेना काे मिलने वाला था। जिसके बाद इसकी समुद्र में तैनाती हाेने वाली थी।