बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट में भारत की प्लेइंग-11 से स्पिनर कुलदीप यादव को ड्रॉप कर दिया। उन्हें ड्रॉप करने पर कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स का गुस्सा फूट पड़ा। दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कहा कि उन्हें इस फैसले पर विश्वास नहीं हो रहा, अगर एक स्पिनर को ड्रॉप करना था तो अश्विन या अक्षर को क्यों नहीं किया?
कुलदीप ने पहले टेस्ट में 8 विकेट लेने के साथ बल्ले से 40 रन भी बनाए थे। पहली पारी में उन्होंने 5 विकेट लिए थे। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच दिया गया। लेकिन, अगले ही मैच में बैठा दिया गया। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में इंग्लैंड के केविन पीटरसन समेत 2 प्लेयर्स के साथ भी ऐसा हो चुका है। जब उन्हें सीरीज में प्लेयर ऑफ द मैच मिलने के अगले ही मैच में बैठा दिया गया।
जानिए कब-कब ऐसा हुआ
- इंग्लैंड के बल्लेबाज केविन पीटरसन को नियमों के खिलाफ जाने की वजह से बाहर कर दिया गया था। 2012 में साउथ अफ्रीका दौरे के दूसरे टेस्ट में वह प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। लेकिन, तीसरे टेस्ट में उन्हें बाहर बैठना पड़ा।
- साउथ अफ्रीका के क्रिकेटर पैट सिमकोक्स को 1997-98 में प्लेयर ऑफ द मैच होने के बाद भी अगले मैच से हटा दिया गया था। दरअसल, वह एक बॉलर थे और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच बैटिंग की वजह से मिला था। साउथ अफ्रीकी टीम को अगले मैच में गेंदबाज की जरूरत थी। इसी कारण उन्होंने सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर लांस क्लूजनर को पैट की जगह चुना था।
- पाकिस्तान के ऑलराउंडर इजाज फकीह 1986-87 में अहमदाबाद में भारत के खिलाफ 8वें नंबर पर उतरते हुए शतक जड़ा था। इसके लिए वह प्लेयर ऑफ द मैच बने थे। लेकिन, गेंदबाजी में अच्छा नहीं करने की वजह से उन्हें बैंगलोर टेस्ट से हटा दिया गया। पाकिस्तान ने उनकी जगह स्पेशल स्पिनर को टीम में शामिल किया था।
पीटरसन नियम उल्लंघन के कारण और बाकी 2 प्लेयर्स को अपने स्ट्रॉन्ग स्किल सेट में अच्छा नहीं करने के निकाला गया। लेकिन, कुलदीप ने पहले टेस्ट में ऐसा कुछ भी नहीं किया, जिस कारण उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच बनने के बाद भी निकाल दिया जाए।
क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने दिखाया गुस्सा
गुरुवार को ट्विटर पर क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने कुलदीप को टीम से ड्रॉप करने पर गुस्सा जाहिर किया। इनमें हर्षा भोगले समेत सुनील गावस्कर और अन्य कई एक्सपर्ट्स भी शामिल थे। हर्षा भोगले ने ट्विटर पर कहा कि कुलदीप के लिए इस तरह ड्रॉप होना कठिन होगा, लेकिन इस संघर्ष से वे और मजबूत बनेंगे। कुलदीप और विकेट लेंगे।
भारत के पूर्व क्रिकेटर डोडा गणेश ने कहा कि, कुलदीप के साथ ही ऐसा क्यों होता है। आप उनके साथ हमेश ऐसा नहीं कर सकते। मैनेजमेंट को कुलदीप का मनोबल बढ़ाना चाहिए और उनकी हौसला अफजाई करनी चाहिए। कुलदीप यादव होना वाकई में मुश्किल है।
अजय जडेजा बोले- वजह वाजिब नहीं, अंजुम चोपड़ा ने कहा- हैरान हूं
अजय जडेजा और अंजुम चोपड़ा इस टेस्ट में कॉमेंट्री कर रहे हैं। सुबह जब प्लेइंग-11 घोषित हुई तो अंजुम ने कहा- मैं हैरान हूं कि कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया। यह फैसला समझ से परे है। वहीं, अजय जडेजा ने कहा कि बिना वजिब वजह के किसी खिलाड़ी को कैसे बाहर किया जा सकता है? आखिर कैसे उन्हें यह खबर बताई गई होगी?
कप्तान का लॉजिक- पेसर चाहिए, इसलिए कुलदीप की जगह उनादकट
चोटिल रोहित शर्मा की गैरहाजिरी में केएल राहुल इस सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे हैं। दूसरे टेस्ट के टॉस के वक्त उन्होंने कहा कि यह पिच फास्ट बॉलर्स के लिए ज्यादा मददगार दिख रही है। इसलिए तीन फास्ट बॉलर्स को शामिल करने का फैसला किया गया। इस स्थिति में कुलदीप की प्लेइंग-11 में जगह नहीं बनती है। कुलदीप की जगह बाएं हाथ के मीडियम पेसर जयदेव उनादकट को टेस्ट खेलने का मौका मिल गया।
कुलदीप की जगह उनादकट को मौका
बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट में भारत ने कुलदीप यादव की जगह जयदेव उनादकट को शामिल किया गया। उनादकट भारत के लिए दूसरा ही टेस्ट मैच खेल रहे हैं। पहला टेस्ट उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2010 में खेला था। उन्होंने 12 साल बाद भारतीय टीम में कमबैक किया है। उन्होंने पहले दिन 2 विकेट भी लिए।