लखनऊ में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा का क्लेम हासिल करने के लिए ठगों ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र इश्योरेंस कम्पनी में लगा दिए। बड़े पैमाने पर अचानक क्लेम आने पर कम्पनी ने जांच कराई। ठगी की कोशिश की जानकारी पर इंडिया फर्स्ट इश्योरेंस कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट (लीगल) ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
कम्पनी में अचानक आए 242 डेथ क्लेम
इंडिया फर्स्ट लाइफ इश्योरेंस कम्पनी का कार्यालय विभूतिखंड साइबर टॉवर में है। कंपनी के मुंबई स्थित हेड आफिस के अधिकारी वीरल एम. जोशी के मुताबिक उनकी कम्पनी बैंक ऑफ बड़ौदा और यूपी ग्रामीण बैंक के साथ जुड़ी हुई है। जिसके जरिए बीमा पॉलिसी की जाती है। वीरल के अनुसार बीते कुछ समय में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के 242 क्लेम के लिए आवेदन किया गया। जिसे पास करने के लिए कम्पनी की तरफ से ऑडिट कराया गया।
जांच किए जाने पर पता चला कि 242 क्लेम हासिल करने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं। वीरल के अनुसार धोखाधड़ी कर कम्पनी को करीब 4.84 करोड़ हड़पने की साजिश थी। इंस्पेक्टर साइबर थाना मो. मुस्लिम खान के मुताबिक धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
क्यूआर कोड और फर्जी वेबसाइट का लिया गया सहारा
क्लेम के लिए आवेदन करते वक्त जो डेथ सर्टिफिकेट लगाए गए थे। उन सब में क्यूआर कोड पड़े हुए थे। जिन्हें स्कैन किए जाने पर crsogov.com और crsogov.in वेबसाइट खुल जाती हैं। जिसमें फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के असली होने की बात लिखी होती थी। जांच कराने जाने पर पता चला कि crsogov.com वेबसाइट सात मार्च 2022 और crsogov.in छह जनवरी 2022 में रजिस्टर कराई गई है।
पॉलिसी कराने के ढाई साल पहले ही हो चुकी थी मौत
वीरल के मुताबिक छानबीन किए जाने पर ऐसे कई मामले सामने आए। जिसमें मृत्यु होने के बाद पॉलिसी करवाई गई। वीरल के अनुसार 30 जुलाई 2021 में आफरीन के नाम से एक पॉलिसी शुरू की गई थी। जिसके बाद 31 मई 2022 में क्लेम प्रस्तुत किया गया। जांच में पता चला कि आफरीन की मौत पॉलिसी शुरू होने से ढाई साल पहले ही हो चुकी थी। उसके पिता ने भी यह बात स्वीकार्य करते हुए बताया कि संतोष नाम के व्यक्ति के कहने पर उन्होंने बाद में पॉलिसी कराई थी। संतोष ने दावा किया था कि पॉलिसी का क्लेम दिला देगा।