गंगा दशहरा के पर्व पर शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालुओं ने गंगा नदी पर स्नान करके आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद दान और पूजा अर्चना की गई। कुछ जगहों पर लोगों ने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया। वहीं सुरक्षा को लेकर पुलिस जगह जगह मुस्तैद रही और जल पुलिस की नावें भी चौकन्ना रहीं।
गंगा दशहरा पर पापों से मुक्त पाने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही गंगा नदी के घाटों पर पहुंचने लगे और लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। हर हर गंगें जय गंगे मैया के नारों की जय घोष से वातावरण गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाने के साथ विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना कर श्रद्धा भाव से प्रसाद भी चढ़ाया। जनपद के बिठूर घाट, सरसैय्या घाट, सिद्धेश्वर घाट, परमट घाट और बैराज सहित ग्रामीण क्षेत्रों के घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीं सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम रहे और जगह जगह पुलिस बल तैनात रहा। घाटों पर जल पुलिस की नावें भी दौड़ती रहीं ताकि किसी अनहोनी पर समय रहते किसी को बचाया जा सके। शहरी क्षेत्र में नगर निगम और बिठूर आदि पर नगर पालिका की ओर से पीने योग्य पानी की व्यवस्था की गई है।
गज केसरी और महालक्ष्मी योग
आपको बता दें कि इस साल गंगा दशहरा का पर्व 9 जून गुरुवार को मनाया जा रहा है और इस दिन चार शुभ संयोग भी बन रहे हैं। सनातन धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व बताया गया है। गंगा दशहरा पर ग्रह-नक्षत्रों से मिलकर चार शुभ योग बन रहे हैं। गुरु-चंद्रमा और मंगल का दृष्टि संबंध रहेगा। इससे गज केसरी और महालक्ष्मी योग का निर्माण होगा। वहीं, वृष राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इसके अलावा, सूर्य और चंद्रमा के नक्षत्रों से पूरे दिन रवि योग रहेगा। इस शुभ घड़ी में दान स्नान का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा।
गंगा दशहरा का महत्व
पौराणिक धर्म शास्त्रों के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
स्नान और दान का महत्व
गंगा दशहरा वाले दिन प्रात: काल गंगा में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। साथ ही पान के पत्ते पर फूल और अक्षत रखकर जल में प्रवाहित कर दिया जाता है। दशहरा का मतलब होता है 10 विकारों का नाश, इसलिए दशहरा के दिन शुद्ध मन से मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के समस्त पाप धुल जाते हैं।