कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के साथ छह दशक पुराने सीमा विवाद के उभरने पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सतर्क हो गया है। इस विवाद की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज (बुधवार) कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों की बैठक आहूत की है। फिलहाल यह विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस कारण इसके जल्द कोई समाधान निकलने की उम्मीद नहीं है। लेकिन अमित शाह दोनों मुख्यमंत्रियों को बयानों से बचने का निर्देश दे सकते हैं। दोनों राज्यों के नेताओं के बयानों से यह विवाद तूल पकड़ रहा है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच में बेलगाम जिला जिसे बेलगावी भी कहा जाता है, देश के सबसे बड़े अंतरराज्यीय सीमा विवादों में से एक है। इसके अलावा खानापुर, निप्पानी, नंदगाड और कारवार के क्षेत्र को लेकर भी दोनों राज्यों में विवाद हो चुका है। इन क्षेत्रों में एक बड़ी आबादी मराठी और कन्नड़ भाषा बोलती है और लंबे समय से यह क्षेत्र विवाद का केंद्र है। यह क्षेत्र 1956 में जब राज्यों का पुनर्गठन किया गया तब कर्नाटक के अधीन आया। इससे पहले यह बॉम्बे के अधीन था, जिसे अब महाराष्ट्र कहा जाता है। मामला बढ़ने पर केंद्र सरकार ने इसे सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश मेहर चंद महाजन के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया था। मामला अभी तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।