हरियाणा के विधायकों से रंगदारी मांगने के मास्टरमाइंड तक केंद्रीय जांच एजेंसियां अभी नहीं पहुंच पाई हैं। मुख्य साजिशकर्ता पाकिस्तान में है, जिससे एजेंसियां असहाय हैं। यमुनानगर के सढोरा से कांग्रेस विधायक रेणु बाला एसटीएफ की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने विशेष टास्क फोर्स को संतुष्टि पत्र पर हस्ताक्षर करने से भी इन्कार कर दिया है।
एसटीएफ ने बीते मानसून सत्र से पहले मास्टरमाइंड के छह गुर्गों को बिहार-मुंबई से गिरफ्तार कर पूरा मामला खोल दिया था। हरियाणा सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसियों से मदद मांगी थी। मामला पाकिस्तान का होने के कारण अब एसटीएफ के हाथ में कुछ नहीं है लेकिन, जिन गुर्गों को एसटीएफ ने पकड़ा है, उन्हें लेकर भी रेणु बाला ने सवाल उठाए हैं।
उनका कहना है कि पकड़े गए लोग कौन है, यह तो विशेष टास्क फोर्स ही जानती है। उन्हें तो किसी को दिखाया नहीं गया, यह विश्वास भी कैसे कर लें कि पकड़े गए लोग ही रंगदारी मांगने में शामिल थे। उन्होंने कहा कि इसलिए ही जांच से संतुष्ट होने के पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए।
दुबई से ली थी सिम, पाकिस्तान से फोन
सोहना से भाजपा विधायक संजय सिंह, कांग्रेस के सोनीपत से सुरेंद्र पंवार, सढोरा से रेणु बाला, सफीदों से सुभाष गांगोली से विदेशी नंबरों से कॉल कर लाखों रुपये की रंगदारी मानसून सत्र से पहले मांगी गई थी। जांच में सामने आया था कि विधायकों को फोन करने के लिए सिम दुबई से ली गई थी और फोन पाकिस्तान से किए गए।
सुभाष गांगोली दे चुके संतुष्टि पत्र
विधायक रेणु बाला ने बताया कि एसटीएफ की टीम उनके पास संतुष्टि पत्र पर हस्ताक्षर करवाने आई थी। उन्होंने मना कर दिया, उनकी इस बारे में सफीदों से विधायक सुभाष गांगोली से बात हुई थी, उन्हें एसटीएफ की जांच पर अपनी संतुष्टि जता दी है।