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छत्तीसगढ़ के अस्पताल में 4 मासूमों की मौत, परिजनों का आरोप- ‘बिजली गुल होने गई जान

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सरगुजा जिला स्थित मुख्यालय अंबिकापुर के मेडिकल अस्पताल स्थित मातृ शिशु अस्पताल के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में भर्ती 4 बच्चों की रविवार देर रात मौत हो गई है। सोमवार की सुबह इस बात की जानकारी मिली है। रविवार रात को यहां बिजली गुल हुई थी।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने बयान में सोमवार को कहा कि 4 बच्चों की मौत की जानकारी मुझे मिली है इसलिए विभागीय प्रमुख अधिकारी, हेल्थ सेक्रेटरी को फोन कर तत्काल एक जांच टीम गठित कर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। मैंने सीएम को भी इस बात की जानकारी दे दी है। मैं खुद अस्पताल जाऊंगा और जायजा लूंगा।

एसएनसीयू में जिन परिजनों के बच्चों की मौत हुई, उनमें बिश्रामपुर निवासी गौरव कुमार सिंह, उदयपुर के ग्राम जजगा निवासी अरविंद खलखो, बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ निवासी प्रदीप तिग्गा तथा सूरजपुर जिले के रमकोला निवासी विकास देवांगन शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले के राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ-शिशु अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में कई नवजात बच्चे भर्ती थे। रविवार की रात करीब 11 बजे अस्पताल की बिजली अचानक गुल हो गई। करीब 4 घंटे बाद जब बिजली आई तो एक-एक कर 4 नवजातों की मौत हो चुकी थी। अस्पताल में लाइट गुल होने के बाद अफरा-तफरी मच गई थी। वार्मर ने काम करना बंद कर दिया था। जब लाइट आई तो बच्चों को वार्मर पर रखा गया। इसके बाद बच्चों की मौत होनी शुरु हो गई। परिजन कहने लगे कि बिजली बंद हुई थी। इस वजह से बच्चों की जान गई है। अस्पताल ने भी लापरवाही की है। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बिजली जरूर कुछ देर के लिए बंद हुई थी। मगर वैंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट चालू था। बच्चों की हालत पहले से क्रिटिकल थी।

इस बात की खबर लगते ही मौके पर अस्पताल के डीन रमणेश मूर्ति, कलेक्टर कुंदन कुमार और सीएमएचओ पीएस सिसोदिया समेत तमाम अधिकारी पहुंच गए हैं। फिलहाल मामले में जांच जारी है।

उल्लेखनीय है कि एक वर्ष पहले भी मेडिकल कॉलेज सह-जिला अस्पताल में भर्ती 4 नवजात बच्चों की 3 घंटे के भीतर मौत हो गई थी। सभी नवजात एसएनसीयू में भर्ती थे।

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