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विवादों में टीजीटी-पीजीटी भर्ती, चयन प्रक्रिया और मानदंड सार्वजनिक नहीं

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हरियाणा कौशल रोजगार निगम की टीजीटी-पीजीटी भर्ती विवादों में घिर गई है। मानदंड और चयन प्रक्रिया सार्वजनिक नहीं किए जाने से अभ्यर्थियों में रोष है। आरोप है कि भर्ती को लेकर निगम ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है। किस पद के लिए कितने आवेदन आए और चयन का आधार नहीं बताया है। मेरिट के बावजूद काफी युवाओं का चयन नहीं हो पाना संदेह पैदा करता है। अभ्यर्थी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।

हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने अक्तूबर माह में करीब प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) व स्नातकोत्तर शिक्षक (पीजीटी) के सात हजार पदों पर भर्ती निकाली थी। हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, साइंस, संस्कृत, पंजाबी, शारीरिक शिक्षा, संगीत, मैथेमेटिक्स, गृह विज्ञान, कलां व सामाजिक विज्ञान समेत 12 विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है।

4144 अभ्यर्थियों को जॉब ऑफर लेटर दिए जा चुके हैं। 23 नवंबर को 2075 और 2 दिसंबर को 2069 टीजीटी-पीजीटी अध्यापकों को लेटर भेजे गए हैं। इनकी रजामंदी के बाद स्कूलों में तैनात किया जाएगा। बाकी को भी जल्द नियुक्ति दिए जाने की तैयारी है। इससे पहले ही भर्ती विवादों में घिर गई।

रोष की वजह… अभ्यर्थी संदीप कुमार ने बताया कि वह 10वीं से एमए तक प्रथम श्रेणी पास आउट है। एचटेट और एमफिल भी है फिर भी चयन नहीं हुआ। इसी प्रकार, अमन कुमार, राहुल आदि का कहना है कि वह कई कई विषयों में एचटेट परीक्षा पास हैं और टीचिंग का अनुभव भी है, न ही घर में सरकारी नौकरी है फिर से उनका चयन नहीं हुआ। 

वादाखिलाफी…200 किलोमीटर दूर स्टेशन देने की तैयारी
शिक्षक के तौर पर चयनित अभ्यर्थी भी कौशल रोजगार निगम की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि 200-200 किलोमीटर दूर स्टेशन दिए जा रहे हैं। कुरुक्षेत्र की एक महिला अध्यापक ने बताया कि उसे मेवात का स्टेशन दिया गया है। इसी प्रकार, कैथल, करनाल के अभ्यर्थियों को हिसार, महेंद्रगढ़ और नारनौल समेत पलवल के स्कूलों में नौकरी करने के लिए कहा गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि पहले निगम का दावा था कि आवेदकों को उनके जिलों में ही तैनात किया जाएगा लेकिन अब वादा नहीं निभाया जा रहा है।

सार्वजनिक हो चयन प्रक्रिया: ढुल
सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता ढुल का कहना है कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने भर्ती पारदर्शिता से की है तो चयन प्रक्रिया भी सार्वजनिक करनी चाहिए। चयनित और बाहर होने वालों को मेरिट का आधार पता चलना चाहिए।

सर्टिफिकेट और आय का सत्यापन की भी जांच नहीं
अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि भर्ती में टीचिंग के अनुभव प्रमाण पत्रों और आय की सत्यापन के लिए कोई जांच नहीं की गई। जिस भी अभ्यर्थी ने अपना डाटा भर दिया, निगम ने उसे उतना ही मान लिया। आरोप है कि काफी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनके घर पहले से नौकरी है और उन्होंने अपनी आय 1.80 लाख से भी नीचे दिखाई है। अभ्यर्थियों ने मांग है कि नियुक्ति देने से पहले इस दस्तावजों और सालाना आय का सत्यापन कराया जाए।

पूरी तरह से पारदर्शी है भर्ती: केएम पांडूरंग
हरियाणा कौशल रोजगार निगम के सीईओ केएम पांडूरंग ने बताया कि टीजीटी-पीजीटी भर्ती पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से की गई है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है। जहां तक चयन प्रक्रिया की बात है तो जल्द ही विस्तृत परिणाम जारी किया जाएगा ताकि चयन हुए और बाहर हुए अभ्यर्थियों को मेरिट की जानकारी मिल सके। रही बात दूर के स्टेशन अलॉट करने की तो ऐसी मात्र 15 शिकायतें आई हैं। हमारी कोशिश रही है कि पहले जिला, दूसरा उसके आसपास और तीसरा विकल्प इससे दूर का है।

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