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चंडीगढ़ मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल आज से, कई मायनों में होगा खास, जुटेंगे सेना के दिग्गज

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तीन और चार दिसंबर को होने वाले चंडीगढ़ मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल का छठा संस्करण इस बार खास होगा। चंडीगढ़ सुखना लेक पर होने वाला दो दिवसीस मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल एक तो कोरोना काल के चलते दो साल बाद यह कार्यक्रम ऑनलाइन की बजाय फिजिकली होगा। दूसरा, इसमें सेना से जुड़ी कई बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी। 1971 से लेकर कारगिल युद्ध में शामिल रहे सेना के अधिकारी बहादुरी के किस्से सुनाकर युवाओं में जोश भरेंगे।

इस बार फेस्टिवल का थीम भारतीय सेनाओं के 75 वर्षों से देश की सेवा को समर्पित होगा। मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन पंजाब सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और वेस्टर्न कमांड के सहयोग से हो रहा है। फेस्टिवल को लेकर तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। फेस्टिवल का उद्घाटन तीन दिसंबर को पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित करेंगे। इस मौके पर सेना के अधिकारी और सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद रहेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समापन समारोह में चार दिसंबर को शिरकत करेंगे।

बता दें कि 2017 में मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत हुई थी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए वेस्टर्न कमांड भी सहयोग कर रही है। इस बारे में मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल एसोसिएशन के चेयरमैन रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल टीएस शेरगिल ने कहा कि बीते वर्षों की तरह इस बार भी फेस्टिवल को यादगार बनाया जाएगा। फेस्टिवल को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, देश दुनिया से लोग इस खास आयोजन का हिस्सा बनेंगे। इससे युवा देशभक्ति और सेना के प्रति प्रेरित होंगे।

 

हथियारों की प्रदर्शनी करेगी आकर्षित
इस दौरान सेना के हथियारों की प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगी। इसमें सेना के छोटे से लेकर बड़े हथियारों को पेश किया जाएगा, साथ ही उनकी खासियतें बताई जाएंगी कि किस प्रकार से वह दुश्मनों को खत्म करने की ताकत रखते हैं। साथ ही सेना से जुड़े इतिहास का साहित्य बुक स्टाल भी होंगे। वहीं, दो दिन तक भारतीय सेना के इतिहास को लेकर विभिन्न पैनल डिस्कशन होंगे। इसमें भारत की तीनों सेनाओं के रिटायर्ड अफसर और बहादुर सैनिक हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें मार्शल आर्ट से लेकर पंजाबी कल्चर और संगीत से परिपूर्ण कार्यक्रम होंगे।

ये होंगे शामिल
दो दिन तक चलने वाले कार्यक्रम को अलग-अलग सत्रों में रखा गया है। कार्यक्रम के अनुसार तीन दिसंबर को सुबह यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध पर मंथन होगा। इसमें मेजर जनरल हरविजह सिंह, ब्रिगेडियर सौरभ भटनागर, कर्नल अश्वनी शर्मा और मेजर जनरल आर पुष्कर शामिल होंगे। इनके साथ ही एडमिरल सुनील लांबा, वाइस एडमिरल अनूप सिंह, गिरिश लूथरा, अनिल चावला कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। चीन को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस बाजवा, लेफ्टिनेंट अनिल आहुजा, डॉ. जबीन टी जैकेब, डॉ. संजीव कुमार विचार रखेंगे।

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