मध्य प्रदेश के सीहोर में निजी अस्पताल में एक प्रसूता की मौत के बाद हंगामा हो गया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क पर धरना दिया और जाम लगा दिया। हंगामे के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पांच सदस्यीय दल बनाया है, जो मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे। वहीं मामले में निजी अस्पताल का कहना है कि महिला को माइनर अटैक आया था, जिसके बाद परिजन उसे यहां-वहां लेकर भटकते रहे, सही इलाज नहीं मिल पाने से उसकी मौत हुई है।
जानकारी के अनुसार मामला पांच दिन पुराना है। सीहोर के नसरुल्लागंज के निजी अस्पताल इम्होटेप में 27 नवंबर को नगर की ऋषि नगर कॉलोनी में रहने वाले मनोज मालपानी ने अपनी पत्नि नेहा मालपानी को दूसरी डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था। ऑपरेशन के बाद बेटी ने जन्म लिया था। परिजनों का कहना है कि तीन दिन बाद अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि नेहा को अटैक आया है, आप इन्हें भोपाल ले जाएं।
पति ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के तीसरे दिन नेहा को नर्स बाथरूम ले जा रही थी, तभी वह गिर गई और उसके टांके टूट गए। जिससे खून बहने लगा और नेहा की स्थिति खराब होती गई। अस्पताल प्रबंधन ने अपनी कमियों को छिपाने के लिए तत्काल नेहा को भोपाल रेफर कर दिया। जब मैं परिजनों के साथ भोपाल के अस्पताल पहुंचा तो कई अस्पतालों के डॉक्टरों को नेहा को देखने से इंकार कर दिया। आखिरकार हम जब नेहा को लेकर हमीदिया अस्पताल पहुंचे तब तक नेहा की मौत हो चुकी थी।
मामले में सीबीवीएम डा. धंजीत बड़ोदिया ने बताया कि उक्त मामले में सीएमएचओ सुधीर कुमार डेहरिया द्वारा पांच सदस्यीय दल नियुक्त किया है, जिसमें डॉ अंकित चांडक जिला स्वास्थ्य अधिकारी सीहोर अध्यक्ष, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव निश्चेतना विशेषज्ञ, डॉ सुजाता परमार स्त्रीरोग विशेषज्ञ, डॉ गायत्री राव डीपीएचएनओ, अर्जुन सुखेजा संगणक प्रभारी शिकायत शाखा को सदस्य के रूप में जांच करने के निर्देश दिए हैं। जांच के बाद सौंपी गई रिपोर्ट के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। एसडीओपी आकाश अमलकर का कहना है कि मामले की जांच उच्चस्तरीय टीम कर रही है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि मामले में कितनी सत्यता है।
अस्पताल प्रबंधन का आरोपों पर जवाब
मामले में आरोपों से घिरे निजी अस्पताल के एमडी डॉ. शुभांकर वर्मन का कहना है कि महिला को डिलीवरी के तीसरे दिन शौच के समय बाथरूम में चक्कर आ गए थे, जिससे वह गिर गई थी और उसे मायनर अटैक आया था। महिला को सुरक्षित कर बचा लिया गया था। इसके बाद हमने परिजनों ने कहा था कि महिला को वेंटिलेटर लगेगा। इसीलिए इन्हें भोपाल के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया जाए। पहले परिजनों ने महिला को फैक्चर अस्पताल ले गए थे जहां इलाज शुरू हो गया था, लेकिन उसके बाद परिजन महिला को लेकर हमीदिया अस्पताल चले गए। जहां इलाज के अभाव में महिला की मौत हो गई।